स्पीकर के फैसले के बाद इतना बदला गया कर्नाटक विधानसभा का गणित, पढ़े पूरी खबर…

कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार द्वारा बहुमत परीक्षण से पहले राजनीतिक उठापटक का दूसरा दौर शुरू हो गया है. कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने वाले हैं. इससे पहले कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के आर रमेश कुमार ने 14 और विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है. इसमें 11 कांग्रेस के विधायक हैं जबकि 3 जनता दल सेकुलर के हैं.  इससे पहले स्पीकर ने 3 और विधायकों को अयोग्य करार दिया था. इस तरह से कुल 17 विधायक अयोग्य करार दिए जा चुके हैं. इन सभी 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि स्पीकर ने इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था.

कर्नाटक विधानसभा में 224 विधायक हैं. 17 विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने के बाद मौजूदा विधानसभा की क्षमता 207 हो गई है. मौजूदा क्षमता के आधार पर कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 104 होता है.  बता दें कि जिस दिन कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिरी थी उस दिन कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पक्ष में 99 विधायकों ने वोट दिया था. जबकि बीजेपी के समर्थन में 105 विधायक थे. इस तरह से येदियुरप्पा सरकार का वजूद अब तलवार की धार पर है. येदियुरप्पा को सभी 105 विधायकों का समर्थन हासिल करना होगा.

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अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस के विधायक

कांग्रेस के जिन 11 विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य ठहराया है उनके नाम हैं- बैराठी बसवराज, मुनिरत्न, एसटी सोमशेखर, रोशन बेग, आनंद सिंह, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ. सुधाकर, शिवराम हेब्बार और श्रीमंत पाटिल.

अयोग्य करार दिए गए जेडीएस के विधायक

जेडीएस के जिन 3 बागी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया है उनके नाम हैं. के. गोपालैया, नारायण गौड़ा और ए एच विश्वनाथ.

25 जुलाई को अयोग्य ठहराये गए 3 विधायक

इससे पहले विधानसभा के स्पीकर के आर रमेश कुमार ने 25 जुलाई को स्पीकर ने तीन बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था. इन विधायकों में निर्दलीय आर. शंकर और कांग्रेस के रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली शामिल हैं.

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