राफेल मुद्दे को लेकर गोवा में कांग्रेस के टेप ने छेड़ी ‘भाजपा बनाम भाजपा’ की जंग

राफेल पर गोवा के मुख्यमंत्री और तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर परिकर को सवालों में खड़ा करने वाले कथित टेप सामने आने के बाद भाजपा बनाम कांग्रेस की यह जंग अब भाजपा बनाम भाजपा का रूप लेती दिख रही है। इस मामले में राज्य सरकार ने पुलिस को जांच के आदेश नहीं दिए है मगर प्रदेश में पार्टी के लोगों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया की नुकसान हो चुका है।राफेल मुद्दे को लेकर गोवा में कांग्रेस के टेप ने छेड़ी 'भाजपा बनाम भाजपा' की जंग

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा कोर कमेटी के सदस्य लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा कि टेप जारी होने के बाद का समय पार्टी के लिए मुश्किलों भरा है। वहीं डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की मगर उन्होंने कहा कि नुकसान हो चुका है।

बुधवार को कांग्रेस की तरफ से एक टेप जारी किया गया था जिसमें गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे और एक अन्य व्यक्ति के बीच 20 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग को लेकर चर्चा जो रही थी। आरोपों की मानें तो मनोहर परिकर ने कहा था कि राफेल की फाइलें उनके बेडरूम में रखी हैं । बाद में राणे ने कहा कि टेप से छेड़छाड़ की गई है और यह राष्ट्रहित के खिलाफ साजिश है।

लोकसभा चुनाव से पहले वह पार्टी की संभावना को लेकर चिंतित है। टेप में  नामित भाजपा प्रवक्ता नीलेश कैब्राल ने कहा कि  मैंने मुख्यमंत्री को इस मामले में  सीआईडी या अन्य किसी एजेंसी से जांच के आदेश देने को कहा है। इसे सार्वजानिक किया जाना चाहिए। उन्होंने माना कि इस टेप ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और कहा कि हम हमेशा सकारात्मक है और सब ठीक हो जाएगा। 

मंत्री कर रहें अपने क्षेत्र के मंत्री की तरह व्यवहार

डीजीपी मुक्तेश चंदेर ने कहा कि जांच के आदेश  दिया जाना अभी बाकी है। जांच से संबंधित हमें कुछ भी नहीं मिला है।  प्रदेश भाजपा में बदलाव की बात करने वाले पारसेकर कहते हैं कि टेप कांड पार्टी के लिए मुश्किल की घड़ी है, इसने लोगों के दिमाग में कन्फूजन पैदा कर दिया है।

भाजपा के सहयोगी गोमांतक पार्टी के नेता और गोवा के पीडब्ल्यूडी मंत्री सुदीन धवलीकर का जिक्र भी इस टेप में हुआ है मगर उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

धवलीकर को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जाता है। उन्होंने कहा कि खनन बंद होने के बाद प्रदेश  वित्तीय समस्या से जूझ रहा है। कई विकास कार्यों पर इसका असर पड़ा है। कोई भी मुख्यमंत्री काम नहीं कर पाएगा जब तक यह मुद्दा नहीं हल होता और खदान दोबारा नहीं खोले जाते। हमें पहले यह समस्या सुलझानी है। प्रधानमंत्री मोदी से भी इस मुद्दे पर मुलाकात होने वाली है।

जनजातीय मामलों के मंत्री गोविंद गौड़े ने टेप के मुद्दे पर बोलने से इंकार कर दिया मगर कहा कि हमें पहले बेरोजगारी की समस्या को हल करना है। मेरे क्षेत्र में भी यह समस्या है। मैं कई जगहों पर इस बात को उठा चुका हूं। स्पीकर प्रमोद सावंत, जिनका नाम इस टेप में लिया गया था उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

लोबो ने कहा कि पार्टी इस बात को लेकर खुश है कि पर्रिकर अब सचिवालय में वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री मंत्रियों की तरह नहीं अपने क्षेत्र के मंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं। हमें विकास को लेकर दीर्घकालीन सोच और चर्चा की जरूरत है। विपक्ष प्राथमिकता वाले मुद्दों को उठा रहा है। यह साल पर्यटन के लिए काफी बुरा रहा है।

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