बिना किसी चेहरे के यूपी में चुनाव लड़ेगी भगवा सेना
एजेंसी/भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने रविवार को यहां चुनावी जंग में आगे रखे जाने वाले चेहरों की चर्चा पर विराम लगा दिया। माथुर ने कहा कि उनकी पार्टी बिना किसी चेहरे के साथ 2017 की चुनावी जंग में कूदने की तैयारी कर रही है। हांलाकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतिम फैसला तो संसदीय बोर्ड ही करेगा।
कांग्रेस की तरफ से रणनीति के मोर्चे पर उतारे गए प्रशांत किशोर को लेकर पार्टी की तैयारी पर माथुर ने कहा कि इस तरह के कई प्र्रशांत किशोरों से भाजपा अच्छी तरह निपटना जानती है। बिहार की परिस्थितियां अलग थी।
जरूरी नहीं हर मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहें
ओम माथुर दो दिन के प्रवास पर यहां आए थे। माथुर ने कहा कि भाजपा सामूहिक नेतृत्व वाली पार्टी है। हमेशा सामूहिक रूप से चुनाव लड़ने की हमारी परंपरा रही है। भाजपा चेहरे के चक्कर में नहीं है। भाजपा के पास ऐसे कई नेता हैं।
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की बैठक में गैरमौजूदगी के सवाल पर बोले कि प्रदेश अध्यक्ष को शनिवार को डीजीपी से मिलने जाना था। इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं हुए। माथुर ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर मीटिंग में सभी लोग शामिल हों। वे भी कई बैठकों में शामिल नहीं हो पाते हैं।
प्रदेश प्रभारी ने कहा कि यूपी में प्रदेश अध्यक्ष का फैसला जल्द हो जाएगा। इसके लिए बस थोड़ा इंतजार कीजिए।उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि यूपी भाजपा में सब ठीक चल रहा है। कहीं कोई दिक्कत नही है।अध्यक्ष का चुनाव सांगठनिक मामला है। उन्होंने कहा कि कहा कि केंद्र की योजनाओं को नीचे तक पहुंचाने के लिए यूपी में एक लाख से अधिक बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के उपलब्ध डाटा का इस्तेमाल किया जाएगा।
सूबे में करीब 1.40 लाख बूथ हैं। इनमें से 1.20 लाख बूथों पर भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इन्हीं के जरिए भाजपा केंद्र सरकार की उपलब्धियां जन-जन तक पहुंचाएगी।
कांग्रेस की ओर से यूपी में प्रशांत किशोर को सक्रिय किए जाने पर माथुर ने कहा कि किसी को भी गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। हम ऐसे लोगों से निपटना जानते हैं। इस तरह के सर्वे करने वाले तीन-चार लोग हर दिन उनके पास आते हैं।
एक व्यक्ति से चुनाव हारा व जीता नहीं जाता है। प्रशांत किशोर मीडिया की उपज हैं। जिस तरह कन्हैया को रातोंरात मीडिया ने हीरो बना दिया उसी तरह प्रशांत किशोर भी हैं।जब प्रशांत किशोर गुजरात में काम कर रहे थे तो उस समय मैं ही वहां का प्रभारी था। इसलिए मुझे पता है कि वे क्या करते हैं।