जानें ‘गुड फ्राइडे’ पर ही क्यों की जाती है क्रूस की पूजा

गुड फ्राइडे जिसे ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे कहते हैं। इस दिन प्रभु यीशु को सलीब( क्रूस) पर चढ़ाया गया था। यह पवित्र त्योहार है। जो ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार( फ्राइडे) को मनाया जाता है।

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जानें 'गुड फ्राइडे' पर ही क्यों की जाती है क्रूस की पूजा

कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे

रोमन कैथोलिक चर्च गुड फ्राइडे को उपवास दिवस के तौर पर मानता है, जबकि चर्च के लैटिन संस्कारों के अनुसार एक बार पूरा भोजन हालांकि वह नियमित भोजन से कम होता है और अक्सर उसमें मांस के बदले मछली खायी जाती है और दो कलेवा यानी अल्पाहार लिया जाता है।

रोमन रीति के अनुसार सामान्यतः पवित्र बृहस्पतिवार की शाम को प्रभु के भोज के उपरांत कोई मास उत्सव नहीं होता जब तक कि ईस्टर निगरानी की अवधि बीत न जाए। प्रभु ईसा मसीह के स्मरण में भोज का कोई उत्सव नहीं होता और वह केवल पस्सिओं ऑफ द लोर्ड के सर्विस के दौरान भक्तों में वितरित किया जाता है।

बाइबल के अनुसार, भगवान का बेटा जिस क्रूस पर मौत के लिए चढ़ाया जाएगा उस क्रूस को ढोने का आदेश उसे दिया गया है। उसे से कोड़े मारे जाएंगे। बाइबिल में उल्लेख है कि एक विद्वान ने ईसा से पूछा, ‘गुरुवर अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मुझे क्या करना होगा?’

ईसा ने उससे कहा, ‘ईश्वर को अपने हृदय, आत्मा और सारी शक्ति से प्यार करो और अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो।’ तब उस व्यक्ति ने एक और प्रश्न किया, ‘लेकिन मेरा पड़ोसी कौन है?’ ईसा ने कहा, ‘किसी भी समय वह जरूरतमंद और लाचार व्यक्ति जो तुम्हारे सामने है, वही तुम्हारा पड़ोसी है।’

क्यों की जाती है क्रूस की पूजा

गुड फ्राइडे के त्योहार के दूसरे चरण में क्रॉस की पूजा की जाती है। एक क्रूसीफिक्स जिसमें एक खास पारम्परिक ढंग से यीशु के लिए गीत गाये जाते हैं।

हालांकि यह जरूरी नहीं है फिर भी यह धार्मिक समागम आम तौर पर वेदी के पास होता है, जिसमें सत्य और निष्ठा के साथ सम्मान व्यक्त किया जाता है और खास तौर पर व्यक्तिगत रूप से जब प्रभु यीशु के प्रति प्रेम भाव के गीत गाए जा रहे हों।

गुड फ्राइडे यानी शुक्रवार की रात

शुक्रवार की रात, पवित्र और महान शनिवार की मध्यरात्रि में होने वाली चर्च में वंदना की जाती है। चर्च ने ‘द लैमेनटेशन ऐट द टोम्ब ‘के नाम से जाना जाता है, आयोजित होती हैं।

जिसमे कब्र पर मातम मनाया जाता है। इस आयोजन को येरुशलम की मध्यरात्रि वंदनाएं भी कहा जाता है। आयोजन का ज्यादातर हिस्सा चर्च के मध्य भाग में स्थित यीशु की समाधि के आस-पास होता है।

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