क्या होता है Menorrhagia? महिलाओं को कब होती है दिक्कत, जानें इसका उपाय
नई दिल्ली। ज्यादतर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में तेज दर्द और हैवी ब्लीडिंग की शिकायत होती है। इस असामान्य स्थिति को मेनोरेजिया कहते हैं। मेनोरेजिया में ब्लीडिंग इतनी तेज होती है कि हर घंटे पैड बदलने की जरूरत महसूस होती है। इसके अलावा मेनोरेजिया में पूरे समय पेट में दर्द रहता है और रोज के काम करने में भी दिक्कत महसूस होती है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव।
मेनोरेजिया के लक्षण- मेनोरेजिया में महिलाओं को हर एक घंटे में पैड चेंज करना पड़ता है। रात में सोने के दौरान भी पैड चेंज करने की जरूरत महसूस होती है। कई बार हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए एक समय में दो पैड लगाने की जरूरत महसूस होती है।
दर्द की वजह से कोई भी काम करने में दिक्कत होती है।ब्लीडिंग में खून के थक्के आते हैं। 7 दिनों से ज्यादा हैवी ब्लीडिंग के साथ पीरियड्स चलते हैं। इस दौरान पूरे समय थकान रहती है और सांस लेने में भी दिक्कत होती है। कभी-कभी मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होती है।
क्यों होता है मेनोरेजिया- मेनोरेजिया से एनीमिया सहित और भी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। एनीमिया की वजह से शरीर में खून की कमी हो जाती है और सासं लेने में दिक्कत महसूस होती है। इसके अलावा मेनोरेजिया से और भी कई गंभीर समस्याएं होती हैं। आखिर ये मेनोरेजिया क्यों होता है?
हार्मोन की समस्या से- महिलाओं के यूट्रस में हर महीने एक परत बनती है जो पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग के जरिए शरीर से बाहर आ जाती है। हार्मोन का स्तर बिगड़ जाने पर ये परत बहुत मोटी हो जाती है जिसकी वजह से बहुत हैवी ब्लीडिंग होती है।ओव्यूलेट ना होने पाने की स्थिति में भी शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है और इससे हैवी ब्लीडिंग होती है।
यूट्रस का बढ़ जाना- यूट्रस की परत में पॉलीप्स बढ़ने लगता है, जिससे ज्यादा मात्रा में ब्लीडिंग होती है। इसके अलावा यूट्रस में फाइब्रॉएड ट्यूमर होने की वजह से भी महिलाओं को बहुत दिनों तक हैवी ब्लीडिंग होती रहती है।
प्रेग्नेंसी से संबंधित समस्या होने पर- जब फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस के बाहर बढ़ने लगता है तो इसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। इस तरह की प्रेग्नेंसी में कई तरह की समस्याएं आती है। इसमें से हैवी ब्लीडिंग एक प्रमुख समस्या है।
कैंसर की वजह से- ऐसा बहुत कम होता है लेकिन गर्भाशय या ओवरी कैंसर की वजह से भी कुछ महिलाओं में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है। कुछ दवाओं की वजह से- शरीर में सूजन और जलन कम करने वाली दवाओं की वजह से भी हैवी पीरियड्स होते हैं।
मेनोरेजिया का इलाज- हैवी ब्लीडिंग के कुछ मामलों में डॉक्टर्स गर्भनिरोधक गोलियां लेने की सलाह देते हैं। इन दवाओं की वजह से शरीर में हार्मोन का संतुलन बदलता है, जिससे हैवी ब्लीडिंग कम होने लगती है। डॉक्टर्स हैवी पीरियड्स को रोकने के लिए कुछ और दवाएं भी लिख सकते हैं। ये दवाएं आपको पीरियड्स के दौरान ही लेनी होंगी।
सर्जरी- अगर आपके शरीर में पॉलीप्स या फाइब्रॉएड है, तो डॉक्टर आपको सर्जरी कराने की भी सलाह दे सकता है। सर्जरी के बाद हैवी ब्लीडिंग की समस्या रुक जाएगी।गर्भाशय की सफाई- डॉक्टर यूट्रस से परत हटाकर सफाई भी कर सकते हैं। इसकी सबसे आसान प्रक्रिया डाइलेशन और क्यूरेटेज है। इससे भी हैवी ब्लीडिंग रूक जाती है। कुछ महिलाओं को ये एक बार से ज्यादा कराना पड़ता है।
हिस्टेरेक्टॉमी- हैवी ब्लीडिंग के गंभीर मामलों में इस सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इसमें गर्भाशय को निकालने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद आपको पीरियड्स नहीं होंगे हालांकि इसके बाद फिर प्रेग्नेंसी संभव नहीं है।