पंजाब से माता वैष्णो देवी, हरिद्वार जाने वाले भक्तों के लिए जरूरी खबर

रेलवे द्वारा 16 मई तक के लिए नई सूची जारी कर दी गई है, जिसमें यात्रियों को कोई बड़ी राहत नहीं मिल पाई है। जालंधर कैंट व सिटी स्टेशन से गुजरते हुए नई दिल्ली, कलकत्ता, हरिद्वार, कटड़ा जैसे महत्वूपर्ण स्टेशनों को जाने वाली 2 दर्जन ट्रेनों को रद्द किया गया है, जिसके चलते यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए दूसरे माध्यम तलाशने होंगे। रद्द की गई ट्रेनों में माता वैष्णों देवी जाने वाली ट्रेन के साथ-साथ पंजाब की प्रसिद्ध ट्रेन शान-ए-पंजाब भी शामिल है।

शंभू स्टेशन पर बैठे किसानों की वजह से पंजाब आने वाली ट्रेनों को दूसरे रूटों के जरिए पंजाब भेजा जा रहा है। इसके चलते शताब्दी जैसी सुपरफास्ट गाड़ी लगातार देरी से जालंधर स्टेशन पर पहुंच रही है। आज लेट होने वाली कई अहम ट्रेनों में 14631 देहरादून-अमृतसर एक्सप्रैस 3 घंटे, 12317 अकाल तख्त एक्सप्रैस 4 घंटे, 12029 स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रैस करीब साढ़े पांच घंटे, 12925 जम्मूपश्चिम एक्सप्रैस साढ़े 3 घंटे देरी से स्टेशन पर पहुंची। इसके चलते यात्रियों को घंटों तक स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा जोकि यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना। अजय कुमार का कहना था कि शताब्दी से यात्रा करने वालों को उम्मीद रहती है कि उक्त ट्रेन अपने तय समय पर पहुंच जाएगी लेकिन आज यह गाड़ी साढ़े 5 घंटे देरी से पहुंची। कुमार ने कहा कि शताब्दी लेट हो रही है तो वहीं, दूसरी ट्रेनों के माध्यम से जाने में और भी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। जालंधर के दोनों स्टेशनों से होकर आगे निकलने वाली दर्जन भर ट्रेनों में निम्र ट्रेनें शामिल हैं, उनमें ट्रेन संख्या 12497-12498 (दिल्ली-अमृतसर शान-ए-पंजाब), 14033-14034 (पुरानी दिल्ली-कटड़ा), 04689 (अंबाला कैंट-जालंधर सिटी), 12241 (अमृतसर-चंडीगढ़), 12459-12460 (नई दिल्ली-अमृतसर), 12053-12054 (अमृतसर-हरिद्वार), 14681-14682 (नई दिल्ली-जालंधर सिटी), 22429-22430 (पुरानी दिल्ली-पठानकोट) ट्रेनें शामिल हैं।

घर गए यात्रियों का अधिक समय ट्रेन में गुजरा
रविवार को छुट्टी वाले दिन अपने परिजनों से मिलने गए लोगों का अधिकतर समय ट्रेन में गुजरा जिसके चलते वह अपने परिवार को अधिक समय नहीं दे पाए। सोमवार सिटी स्टेशन पर उतरने जालंधर निवासी मदन मोहन ने बताया कि ट्रेनों का हल बेहद बुरा है। वह गोल्डन टैंपल के जरिए अपने परिजनों से मिलने के लिए ट्रेन संख्या 12904 (गोल्डन टैंपल) के जरिए शानिवार रात को 8.30 पर ट्रेन में बैठे जोकि अगले दिन सुबह 6 घंटे की देरी से यमुनानगर पहुंची। इसी तरह से रविवार रात को जालंधर वापस आने के लिए उन्होंने ट्रेन संख्या 14631 के जरिए रात 12.56 पर यात्रा शुरू की व सोमवार सुबह 9.18 पर जालंधर पहुंचे। उक्त ट्रेन 3 घंटे की देरी से जालंधर पहुंची। उन्होंने बताया कि ट्रेनों की देरी की वजह से यात्रियों की दिक्कतेें बढ़ रही है। इसके प्रति रेलवे को उचित ध्यान देना चाहिए। इसी तरह से रोजी व ममता कहना था कि दिल्ली से जालंधर पहुंचने मेें हालात खराब हो रहे हैं।

3-4 से 6-7 घंटे रूटीन में लेट हो रही विभिन्न ट्रेनें
रोजाना विभिन्न ट्रेनें 3-4 घंटे से लेकर 6-7 घंटे तक देरी से पहुंच रही है। इसके चलते कई यात्री निराश होकर अपना कार्यक्रम रद्द करने को मजबूर हो रहे हैं। पूरा घटनाक्रम यात्रियों की परेशानी का सबब बन रहा है। पिछले दिनों के दौरान देखने में आया है कि पंजाब में आने वाली कई ट्रेनें 12 घंटे तक की देरी से स्टेशनों में पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को बेहद दिक्कतें पेश आ रही है। वहीं यात्रियों की मांग है कि जालंधर से बनकर चलने वाली गाड़ियों को शुरू किया जाए क्योंकि जो गाड़ी जिस स्टेशन से बनकर चलती है, उस शहर के लोगों को गाड़ी का विशेष लाभ होता है और सीटें आसानी से मिल जाती है। इसके चलते गाड़ी लेट होने का झंझट नहीं रहा। वहीं बनकर चलने वाली गाड़ी में बिना बुकिंग के सीटें आसानी से मिल जाती है। अब देखना होगा कि विभाग द्वारा यात्रियों को राहत देने के प्रति क्या कदम उठाए जाएंगे।

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