जम्मू कश्मीर के हर जिले में होंगे महिला और युवा बूथ

जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा सहित बूथों में सभी सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी। 85 से अधिक आयु के बुजुर्गों तथा 40 फीसदी से अधिक दिव्यांगता वालों को पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा मिलेगी। इन सारे प्रयासों के पीछे मकसद यह है कि सभी मताधिकार का प्रयोग निष्पक्ष, निर्भीक होकर करें।

साथ ही शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित हो। मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) पीके पोल ने विशेष बातचीत में बताया कि इस बार प्रत्येक जिले में महिलाओं से जुड़ी पिंक बूथ, दिव्यांगों से जुड़े बूथ तथा युवाओं के लिए अलग-अलग बूथ होंगे। प्रत्येक जिले में ऐसे बूथ होंगे जहां केवल महिलाएं मतदान कर्मी होंगी।

ऐसे भी बूथ होंगे जहां केवल दिव्यांग मतदान कर्मी होंगे। इसके अलावा ऐसे बूथ भी होंगे जहां तीन साल तक सरकारी नौकरी करने वाले 25 साल तक के युवाओं की मतदान कर्मी के रूप में तैनाती होगी। मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमें जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर एसडीएम, एसीआर, जिले के नोडल अफसर, पुलिस अधिकारी शामिल हैं। जिला स्तरीय मतदान कर्मियों को तीन चरणों में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
86.39 मतदाता, 11629 बूथ, इस बार 629 बूथ बढ़े

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि लोस चुनाव में 86.39 लाख मतदाता वोट डालेंगे। इनमें 44.35 लाख पुरुष व 42.58 लाख महिला हैं। इस बार 2.31 लाख नए मतदाता भी बने हैं। कुल 11629 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 629 केंद्र नए बने हैं। सभी केंद्रों के लिए ईवीएम, वीवीपैट तथा अन्य उपकरण, स्टेशनरी आदि के प्रबंध करा दिए गए हैं। 25 से 30 फीसदी तक आरक्षित ईवीएम रखे गए हैं ताकि किसी प्रकार की तकनीकी खराबी आने पर इन्हें बदला जा सके। ज्ञात हो कि 2019 में 79.22 लाख मतदाता थे, जिनमें से 35.62 लाख ने मतदान किया था।

चुनाव में प्रयोग होने वाले वाहनों में जीपीएस लगाने पर विचार

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि चुनाव में प्रयोग में होने वाले वाहनों की सूची तैयार कराई जा रही है। इन वाहनों पर जीपीएस लगाने की योजना पर विचार चल रहा है। इनके लोकेशन कंट्रोल रूम में ट्रैक किए जा सकेंगे। इससे सही समय पर ईवीएम मशीन को लाने ले जाने वाले वाहनों की जानकारी मिल सकेगी।

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