बनाए रखना चाहते हैं अपना हार्मोनल बैलेंस, तो इन 4 फूड आइटम्स की मात्रा को करें नियंत्रित

क्या आप जानते हैं कि हार्मोन संतुलन यानी हार्मोनल बैलेंस आपकी सेहत के लिए कितना आवश्यक है। हमारे शरीर में कई हार्मोन्स बनते हैं, जिनकी अलग-अलग भूमिका होती है। इनकी मात्रा कम या अधिक होने की वजह से हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ सकता है, जिस कंडिशन को हार्मोनल इंबैलेंस कहते हैं। हार्मोन्स में बदलाव की वजह से, आप कई बीमारियों का भी शिकार हो सकते हैं, जिनमें थायरॉइड, पीसीओडी और डायबिटीज सबसे आम हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हार्मोनल बैलेंस बना रहे। इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ फूड आइटम्स को डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ फूड आइटम्स ऐसे भी हैं, जो हार्मोन्स का संतुलन बिगाड़ सकते हैं। इसलिए उन फूड आइटम्स को संयमित मात्रा में खाना ही आपके लिए लाभदायक होगा। आइए जानते हैं, किन फूड आइटम्स की वजह से आप हार्मोनल इंबैलेंस का शिकार हो सकते हैं।

कॉफी (Coffee)
कॉफी में कैफीन पाया जाता है, जो कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ा देता है। कोर्टिसोल, स्ट्रेस हार्मोन होता है, जो एंग्जायटी या नर्वसनेस की स्थिति बना सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आप कम से कम कॉफी पीएं। इससे आपकी नींद पर भी असर होता है, जिस वजह से भी स्ट्रेस हार्मोन बढ़ सकता है।

रेड मीट (Red Meat)
रेड मीट आपके बॉडी के एस्ट्रोजन की मात्रा को असंतुलित कर सकता है, जिस कारण से कई परेशानियां, जैसे- अनियमित पीरियड्स, पीसीओज, एंडोमेट्रीयोसिस आदि का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इसे संतुलित मात्रा में खाना ही फायदेमंद होता है।

प्रोसेस्ड फूड आइटम्स (Processed Foods)
प्रोसेस्ड फूड आइटम्स में प्रीजरवेटिव्स की मात्रा अधिक होती है, जो आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। इनमें सोडियम और शुगर भी ज्यादा पाया जाता है, जो स्ट्रेस हार्मोन्स और एल्डोस्टीरोन के लेवल असंतुलित कर सकते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म, इम्यून सिस्टम और ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि प्रोसेस्ड फूड आइटम्स न के बराबर मात्रा में खाएं।

सोया प्रोडक्ट्स (Soy Products)
सोया प्रोडक्ट्स, प्रोटीन से भरपूर होने की वजह से हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, लेकिन इन्हें अधिक मात्रा में खाने से आपके हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। दरअसल, इनमें फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है, जिस कारण से हमारी बॉडी कम मात्रा में एस्ट्रोजन बनाती है। इस वजह से ऑस्टियोपोरोसिस, वजन बढ़ना, इन्सोमनिया जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

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