होली पर पहली बार पीने जा रहे हैं भांग ठंडाई, जाने इसके इफेक्ट्स

होली का त्योहार आने ही वाला है। हर कोई इस त्योहार की तैयारियों में व्यस्त है। यह दिवाली के बाद हिंदू धर्म का सबसे अहम और बड़ा पर्व माना जाता है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। होली का त्योहार अपने साथ ढेर सारी खुशियां और उल्लास लेकर आता है। यह न सिर्फ रंगों का त्योहार माना जाता है, बल्कि प्यार का त्योहार भी है, जो लोगों को एक-दूसरे के करीब लाता है।

इस दिन रंगों के अलावा खानपान का भी काफी महत्व होता है। होली के मौके पर कई तरह के व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलता है। गुजिया और मालपुए के अलावा होली पर ठंडाई पीना का भी काफी चलन है। इस दौरान लोग भांग वाली ठंडाई का जमकर लुत्फ उठाते हैं। हालांकि, भांग पीने के बाद व्यक्ति के अंदर कई सारे लक्षण नजर आते हैं, जिनमें उत्साह, वैराग्य की भावना,कंफ्यूजन, इल्युजन, वियोग आदि शामिल हैं। अगर आप भी इस होली भांग ठंडाई पीने का विचार बना रहे हैं, तो एक बार इसके ऑफ्टर इफेक्ट्स के बारे में जरूर जान लें।

खाने की इच्छा
भांग का पहला दुष्प्रभाव या आफ्टर इफेक्ट स्नैक्स के लिए अनियंत्रित क्रेविंग्स होती है। अक्सर भांग पीने के बाद व्यक्ति की खाने की इच्छा बढ़ती जाती है, जिसकी वजह से वह लगातार खाने लगता है। हालांकि, ज्यादा खाने की वजह से आपका पेट खराब भी हो सकता है।

लगातार हंसना या रोना और बोलना
भांग पीने के बाद अक्सर व्यक्ति लगातार हंसने या रोने लगता है। दरअसल, भांग पीने के बाद शरीर में डोपामाइन हार्मोन यानी हैप्पी हार्मोन घटने या बढ़ने लगते हैं, जिससे व्यक्ति लगातार हंसने या रोने लगता है। इसके अलावा भांग के सेवन के बाद कई लोग बहुत सारी बातें भी करने लगते हैं।

तेज नींद आना
भांग में सुस्ती और आलस उत्पन्न करने की क्षमता होती है, जिसकी वजह से आपको तेज नींद आ सकती है। हालांकि, इसकी वजह से आपको बाद में घबराहट हो सकती है, आपकी दिनचर्या बाधित हो सकती है और आप थकान महसूस कर सकते हैं।

सिर घूमना
अगर आप होली पर भांग वाली ठंडाई पीने का मन बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि इसकी वजह से आपको चक्कर आ सकते हैं या फिर आपका सिर घूम सकता है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है, जैसे आप किसी बवंडर में फंस गए हैं।

मेमोरी लॉस
भांग ठंडाई पीने के बाद कुछ लोगों को मेमोरी लॉस की समस्या भी हो सकती है। इसके ज्यादा सेवन से दिमाग पर धुंध छा जाती है, विचार धुंधले हो जाते हैं और याददाश्त कमजोर हो जाती है।

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