बच्चा करता है लोगों से बदतमीजी तो डांटें नहीं

अभिभावक के लिए बच्चे को अच्छे संस्कार देना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। जब तक बच्चा छोटा होता है, उसे समझाना और सिखाना आसान होता है लेकिन बड़े हो रहे बच्चे की विचार, व्यवहार में बदलाव आने लगते हैं। ऐसे में अक्सर बच्चे दूसरों का अनादर, गैरजिम्मेदारा बर्ताव, अशिष्ट बातें भी कर जाते हैं। बच्चे के बदतमीजी करने पर माता-पिता उसे डांटते हैं लेकिन इससे बच्चे का बर्ताव अधिक अशिष्ट हो सकता है। वह तुरंत तो चुप हो जाएगा लेकिन उनके बर्ताव में बदलाव नहीं आएगा। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी अधिक गुस्सैल है और गुस्से में दूसरों से बदतमीजी से बात करता है तो उसे डांटे नहीं, बल्कि उनकी आदत में सुधार लाएं। बच्चे की गलत आदतों को सुधारने के लिए अपनाएं ये तरीके।

बच्चे पर चिल्लाएं नहीं

बच्चे के बर्ताव का कारण अक्सर आसपास का माहौल और उनको दिए जाने वाले संस्कार का हिस्सा हैं। बच्चे देखकर अधिक सीखते हैं। ऐसे में अगर बच्चा अशिष्ट व्यवहार करता है तो उसपर चीखें-चिल्लाए नहीं। बच्चे को प्यार से समझाएं। बच्चे का गुस्सा शांत हो जाएगा तो वह शांति से बात करेगा और आपकी बात को समझेगा।
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बहस से बचें

अक्सर बच्चा जिद में बहस करने लगता है। बहस करने की आदत बच्चे में आक्रामकता और गुस्सा बढ़ाती है और वह बहसबाजी में बदतमीजी करने लग जाता है। लेकिन बहस हमेशा दो लोगों के बीच होती है। अगर बच्चा आपसे बहस करे तो उस वक्त शांत हो जाएं। बच्चे से बहस करने से बचें और उनकी बात सुनें। इससे वह भी आपकी बातों को ध्यान से सुनेंगे और जिद कम करेंगे।

बच्चे की मन की बात समझें

बच्चे के बुरे व्यवहार को ठीक करने के लिए उसके व्यवहार की वजह जानें। हो सकता है कि वह किसी बात से असंतुष्ट व नाखुश हो। बच्चे के मन को टटोलें और समझने का प्रयास करें कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है, ताकि उसकी परेशानी का हल निकालकर उसके व्यवहार में बदलाव लाया जा सके।

संगत पर ध्यान

बच्चे के आसपास का माहौल उसके व्यवहार का कारण है लेकिन अगर घर पर उसे अच्छा माहौल मिल रहा है, फिर भी बच्चा गलत बर्ताव करता है तो जरूर उसकी संगत खराब हो सकती है। बच्चे के दोस्त कैसे हैं, वह अपना वक्त किन लोगों के बीच और किस काम में अधिक बिताता है, टीवी या मोबाइल पर किस तरह के कार्यक्रम देखता है, इस पर नजर रखें, ताकि गलत संगत से उसे दूर कर पाएं।

नियम बनाएं

हर चीज के लिए अनुशासन और नियम होते हैं। बच्चे के लिए भी कुछ नियम जरूर बनाएं। बच्चे को बताएं कि उसे इन नियमों के पालन की जरूरत क्यों हैं। बच्चा जब अनुशासन और नियम का पालन करेगा तो वह गलत बर्ताव करने से बचेगा।

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