पुलिस को थप्पड़ मार साहेब बना था शहाबुद्दीन, तेजाब ने पहुंचा दिया तिहाड़
पटना. दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद मो. शहाबुद्दीन को तेजाब हत्याकांड में पटना हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। सीवान के व्यवसायी चंदाबाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश की तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप शहाबुद्दीन और उसके तीन लोगों पर लगा था। सीवान के स्पेशल कोर्ट ने 11 दिसंबर 2015 को शहाबुद्दीन के साथ राजकुमार साह, मुन्ना मियां एवं शेख असलम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
कभी शहाबुद्दीन का नाम लेने से डरते थे लोग…
– आज शहाबुद्दीन भले ही तिहाड़ जेल में बंद है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब सीवान में लोग उसका नाम लेने से भी डरते थे।
– 1990 के बाद का एक वह भी दौर था जब सीवान में रहने वाला कोई आमो-खास शायद ही ‘साहेब’ की बजाय ‘शहाबुद्दीन’ नाम लेकर पुकार ले। इसे तौहीन माना जाता था और सजा जो साहेब मुकर्रर कर दें।
– धीरे-धीरे लोगों के दिलों दिमाग में यह एक बैठ चुकी थी कि बिहार में ‘साहेब’ का अर्थ कोई हाकिम या अफसर नहीं होता। साहेब मतलब शहाबुद्दीन। खौफ और साहेब एक दूसरे के पर्याय बन बैठे थे।
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DSP को जड़े थप्पड़ ने शहाबुद्दीन को बनाया था बाहुबली
– मार्च 2001 में शहाबुद्दीन के एक करीबी और राजद के स्थानीय नेता मनोज कुमार पप्पू के खिलाफ वारंट लेकर DSP पुलिस के जवानों के साथ पहुंचे थे।
– शहाबुद्दीन ने पुलिस को मनोज कुमार को गिरफ्तार करने से रोका और डीएसपी को थप्पड़ मार दिया था।