रिलेशनशिप टूटने तक की वजह बन सकता है आपका गुस्सा, ऐसे करें कंट्रोल

हंसने, रोने, बुरा फील करने की ही तरह गुस्सा भी एक इमोशन है। जिस पर हमारा कंट्रोल नहीं रहता और इसी कंट्रोल न कर पाने की स्थिति में चीज़ें बिगड़ जाती हैं। गुस्सैल स्वभाव न आपकी पर्सनल लाइफ के लिए अच्छा है और न ही प्रोफेशनल लाइफ के लिए। ऐसे स्वभाव वाले व्यक्ति के साथ तो रहना दूर, लोग बात भी करना पसंद नहीं करते। गुस्सा सिर्फ आपको ही नहीं दूसरों को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इस पर काम करना बहुत जरूरी है। यहां हम ऐसे कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जिन्हें अपनाकर आप गुस्से और उग्र व्यवहार को काफी हद तक कर सकते हैं कंट्रोल।

उल्टी गिनती गिनें
अगर किसी बात पर आपको लग रहा है कि आपका गुस्सा बढ़ रहा है, तब रूकें और 10 या 100 से उल्टी गिनती गिनना शुरू करें। सुनकर आपको अजीब लग सकता है, लेकिन ये तरीका बहुत काम करता है। गिनती खत्म होने तक गुस्से का लेवल नॉर्मल या शांत हो जाता है।

गहरी सांसें लें
गुस्सा आने पर दिल तेजी से धड़कनें लगता है, सांस ऊपर-नीचे होने लगती है, ऐसे में इसे नॉर्मल करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। गहरी सांस लें और छोड़ें। वैसे इस ब्रीदिंग टेक्निक को आप डेली रूटीन में शामिल कर लें। ये सेहत के लिए तो फायदेमंद है ही साथ ही इससे दिमाग भी रिलैक्स होता है। जिससे गुस्सा आता ही नहीं।

ध्यान भटकाएं
गुस्सा आने पर गुस्से की वजहों से ध्यान भटकाने की कोशिश करें। उन चीज़ों के बारे में सोचें जिनसे आपको खुशी मिलती है। इससे दिमाग शांत होने लगता है और गुस्सा ठंडा हो जाता है।

शारीरिक व्यायाम करें
ये सोचकर आपको अजीब लगेगा, लेकिन इस तरीके को गुस्सा आने पर इस्तेमाल नहीं करना है, बल्कि इसे भी अपने डेली रूटीन में शामिल करना है। अच्छी हेल्थ का असर आपके मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है। इससे गुस्सा कम आता है और व्यक्ति खुश रहता है। ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग व योगा जो आपको पसंद हो, उसके लिए कुछ मिनट का समय निकालें।

शांति के मंत्र दोहराएं
गुस्सा आए तो ‘शांत’, ‘रिलैक्स’ जैसे शब्द दोहराएं, इससे भी गुस्सा शांत होता है।

गुस्से को मैनेज करने के लिए धैर्य और प्रैक्टिस की ज़रूरत है, लेकिन अगर ऊपर बताए गए टिप्स भी आपकी मदद नहीं कर पा रहे हैं, तो थेरेपिस्ट या काउन्सलर से संपर्क करने में न हिचकिचाएं। जो आपकी सिचुएशन को देखते हुए उपाय बताएंगे। अपने स्वास्थ्य और कल्याण के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद लेना सही तरीका होता है।

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