लदाख : सोनम वांगचुक का आमरण अनशन आठवें दिन में प्रवेश…

मशहूर पर्यावरणविद् और इनोवेटर इंजीनियर सोनम वांगचुक लद्दाख के लिए अपनी मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर हैं। बुधवार को उनका यह अनशन (क्लाइमेट फास्ट) आठवें दिन में प्रवेश कर गया। उनकी मांगों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देना और संविधान की छठी अनुसूची के तहत मूल निवासियों के लिए सुरक्षा उपाय शामिल हैं।

अनशन के सातवें दिन बार एसोसिएशन लेह के पदाधिकारी सोनम वांगचुक से मिलने अनशन स्थल पर पहुंचे और उन्हें समर्थन दिया। बार एसोसिएशन लेह के अध्यक्ष मो. शफी लासू ने आश्वासन दिया कि लद्दाख के लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए वे इस संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलेंगे।

उन्होंने कहा, लद्दाख के लोगों द्वारा उठाई जा रही सभी मांगें जायज हैं और केंद्र को बिना देरी किए उन्हें मान लेना चाहिए। वहीं, सोनम वांगचुक ने बड़े शहरों में रहने वाले लोगों से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सरल जीवन जीने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि बीते रविवार को उनके अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मों के लोग इकट्ठा हुए और समर्थन में एक दिन के अनशन पर बैठे।
उन्होंने लोगों से रविवार 17 मार्च को अन्य शहरों में एक दिवसीय उपवास कर आंदोलन का समर्थन करने का आग्रह भी किया है। वांगचुक छह मार्च से रोजाना अपनी जलवायु की स्थिति को अपडेट करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों तक पहुंच रहे हैं। इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके द्वारा अपलोड किए गए वीडियो में इंजीनियर को -17 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान के साथ अत्यधिक ठंड में खुले में देखा जाता है।

वांगचुक का दावा है कि यह विरोध सरकार द्वारा अभी तक पूरी नहीं की गई कुछ घोषणाओं के मद्देनजर भी है, जो 2019 में उनके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा थीं। वह लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा मांग रहे हैं, क्षेत्र में मूल निवासियों के अधिकारों की वकालत कर रहे हैं और क्षेत्र में जलवायु संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। इनोवेटर और शिक्षाविद् को पहले अत्यधिक ठंडे स्थानों में भारतीय सेना के उपयोग के लिए सौर-गर्म तंबू विकसित करने के लिए प्रशंसा मिली थी, जबकि उनके नाम पर कई अन्य पर्यावरण-अनुकूल नवाचार भी हैं।

उन्होंने ये सोलर टेंट 2021 में बनाए थे। डॉक्टरों की टीम नियमित रूप से प्रतिदिन उनका चेकअप करने पहुंच रही है। फिलहाल उनका स्वास्थ्य ठीक है। हालांकि ब्लड शुगर के स्तर में काफी गिरावट मापी गई है, जो अनशन में स्वाभाविक है।

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