‘हिंद महासागर में हम चीन की किसी भी गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं : नौसेना प्रमुख

एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मालदीव और पाकिस्तान सहित हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महासागरों को एक साझी विरासत माना जाता है। समुद्र का इस्तेमाल किसी भी देश की वैध आर्थिक आकांक्षाओं के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने चीन की हर चाल पर जवाब दिया।

एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मालदीव और पाकिस्तान सहित हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महासागरों को एक साझी विरासत माना जाता है। समुद्र का इस्तेमाल किसी भी देश की वैध आर्थिक आकांक्षाओं के लिए किया जा सकता है।

नौसेना प्रमुख ने कहा, “चीन के पास आर्थिक गतिविधियों को करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने का एक वैध कारण हो सकता है, लेकिन हिंद महासागर में स्थानीय नौसैनिक शक्ति (भारत) के रूप में हम इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि वहां क्या हो रहा है।”

हम हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करते हैं- नौसेना प्रमुख
उन्होंने कहा, “हम हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद किसी भी देश की निगरानी करते हैं और हम इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं कि समुद्र में चीन की गतिविधियां कैसी हैं। साथ ही यहां मौजूद देश किन कामों में संलिप्त हैं और उनके इरादे क्या हैं।”

हम क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना से वाकिफ- एडमिरल
एडमिरल हरि कुमार ने कहा, “इसको देखते हुए भारतीय नौसेना की तैनाती जाती है। इसमें निगरानी के लिए जहाज, पनडुब्बियां, विमान, यूएवी आदि तैनात होते हैं। हम अपने क्षेत्र में निगरानी के लिए नियमित रूप से तैनाती करते हैं। हम इस क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना से वाकिफ हैं।”

‘हमारा काम समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा करना’
एडमिरल हरि कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “नौसेना का काम किसी भी समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संरक्षण और प्रचार को आगे बढ़ाना है।”

“जब आप हिंद-प्रशांत क्षेत्र को देखते हैं तो भारत के हित हिंद महासागर क्षेत्र और उससे कहीं आगे भी हैं। इसलिए हमारे जहाज, पनडुब्बियां और विमान उसी के मुताबिक, तैनात किए जाते हैं। हम अपने जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों की तैनाती के जरिए नियमित तौर पर भारत के हित के लिए निगरानी करने की कोशिश करते हैं।”

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