बिहार के आदित्य हत्याकांड केस में फैसला आज, 15 महीने 23 दिन चली सुनवाई

  • गया. बिहार के चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। गुरुवार को अदालत अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक रोडरेज के इस केस की सुनवाई महज 15 महीने 23 दिन में पूरी हो गई। फैसले को लेकर गया की अदालत में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह के मुताबिक संबंधित थाने के अलावा आस-पास के थानों को भी अलर्ट किया गया है। 
    Decision in the Aditya killing case of Bihar today, hearing for 15 months 23 days

    आदित्य के सिर में मारी गई थी गोली…

    – 7 मई 2016 को बोधगया से गया लौटने वक्त रोडरेज के दौरान स्टूडेंट आदित्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आदित्य के साथ उसके चार दोस्त भी कार में सवार थे।
    – आरोप लगा था कि लैंड रोवर पर सवार रॉकी और उसकी विधान पार्षद मां मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार ने उन्हें रोका और पहले मारपीट की। जब आदित्य और उसके दोस्त भागने लगे तो फायरिंग की गई। गोली आदित्य के सिर में लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

    4 आरोपियों के खिलाफ चला ट्रायल

    – इस हत्याकांड में राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी और राजेश कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।
    – जांच के दौरान मुख्य आरोपी रॉकी के पिता और गया जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव और उनके चचेरे भाई राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव को भी आरोपी बनाया गया। सभी आरोपियों पर अदालत में ट्रायल चला।

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    चश्मदीद मुकर गए

    – आदित्य के साथ गाड़ी में सवार उसके चारों दोस्तों ने घटना का समर्थन तो जरूर किया, लेकिन आरोपी को पहचानने से मुकर गए। अदालत में गवाही के दौरान उन्होंने आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया।

     कौन था आदित्य?

    – आदित्य शहर के हार्डवेयर बिजनेसमैन श्याम सचदेवा का बेटा था। वह इंटर का एग्जाम दे चुका था। पढ़ने में तेज आदित्य दोस्तों के बीच अपने हंसमुख बर्ताव के चलते काफी पॉपुलर था।

    दो जजों ने की सुनवाई

    – इस केस का ट्रायल पहले एडीजे-9 सुरेश प्रसाद मिश्रा की अदालत में शुरू हुआ, लेकिन बाद में इसे एडीजे-वन सच्चिदानंद सिंह की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया।

    हाईप्रोफाइल है रॉकी का परिवार

    – भारत सरकार के खेल मंत्रालय की तरफ से रॉकी को मशहूर शूटर घोषित किया गया था। राइफल्स एसोसिएशन के मेंबर की हैसियत से इसे 5 हथियार रखने का अधिकार है।
    – रॉकी पॉलिटिकल बैकग्राउंड से है। मां मनोरमा देवी बिहार विधान परिषद की मेंबर हैं, तो पिता बिन्देश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव गया जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं।

    हमें इंसाफ की उम्मीद है: पिता

    – आदित्य हत्याकांड पर गुरुवार का दिन सचदेवा परिवार के लिए काफी अहम है। आदित्य के पिता श्याम सचदेवा का कहना है कि इस फैसले का इंतजार समाज और पूरे देश को है। हमें कोर्ट पर भरोसा है और पूरी उम्मीद है कि हमें इंसाफ मिलेगा।

    मां को आदित्य के दोस्तों के मुकरने का मलाल

    – आदित्य की मां चांंद सचदेवा को घटना के चश्मदीदों के गवाही में मुकर जाने का मलाल है। उन्होंने कहा- “दोस्तों के साथ क्या मजबूरी थी, कानून सब समझ रहा है। हमें हत्या करने वालों को कड़ी सजा मिलने की पूरी उम्मीद है।”

    30 लोगों ने दी गवाही

    – आदित्य के घरवाले, पुलिस ऑफिशियल्स, एफएसएल ऑफिशियल्स, बैलिस्टिक एक्सपर्ट समेत कुल 30 लोगों ने प्रॉसीक्यूशन की तरफ से गवाही दी।
    – बैलिस्टिक एक्सपर्ट और एफएसएल टीम की गवाही को अहम माना जा रहा है। टीम ने कहा है कि रॉकी के पास मौजूद पिस्टल की गोली से ही आदित्य की जान गई।
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