14 से 17 मार्च के बीच हो सकती है भारत-पाक विदेश सचिवों की मीटिंग

phpThumb_generated_thumbnail (74)एजेंसी/नई दिल्ली।भारत एवं पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बहुप्रतीक्षित बैठक नेपाल के खूबसूरत पर्यटक स्थल पोखरा में होने की संभावना है, जहां दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) की एक अहम बैठक सोमवार से शुरू हो रही है। पोखरा में 14 से 17 मार्च के बीच दक्षेस सदस्यों की मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव एस. जयशंकर इसमें शामिल होंगे। जयशंकर दक्षेस के संयुक्त सचिव भी हैं। इस बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी भी मौजूद होंगे। 

तीन माह के अंतराल के बाद दोनों पक्षों के नेता एवं अधिकारी औपचारिक संपर्क एवं संवाद के लिए एक दूसरे से रूबरू होंगे, लेकिन पठानकोट हमले के बाद के हालात में दोनों पक्षों के बीच संपर्क और संवाद को औपचारिकता से दूर रखे जाने और ठोस परिणाममूलक बनाने पर ध्यान केन्द्रित होगा। 
 
14 जनवरी को होनी थी  मुलाकात
डॉ. जयशंकर की पाकिस्तानी विदेश सचिव से 14 जनवरी को मुलाकात होनी थी लेकिन दो जनवरी को भारतीय वायुसेना के पठानकोट अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के कारण पूरी शांति प्रक्रिया गड़बड़ा गई थी, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लाहौर की आकस्मिक यात्रा के साथ शुरू हुई थी। हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की छह दिसंबर को बैंकॉक बैठक और विदेश मंत्री स्वराज की आठ-नौ दिसंबर को इस्लामाबाद यात्रा के दौरान इसकी पृष्ठभूमि तैयार कर ली गई थी। इस दौरान समग्र शांति वार्ता को कुछ अन्य मुद्दों को जोड़ कर ‘व्यापक समग्र संवाद’ का नाम दिया गया। 
 
पाकिस्तान सरकार ने नहीं किया भारत के दावे से इंकार
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पठानकोट आतंकवादी हमले में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों की संलिप्तता के ठोस साक्ष्य दिए तो गत अनुभवों के विपरीत पाकिस्तान ने उससे इन्कार नहीं किया। पाकिस्तान सरकार की हमले के जिम्मेदार अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई भले ही दिखावटी लगे, पर इससे कूटनीतिक संवाद में गतिरोध नहीं आने दिया। 
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