सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अयोध्‍या में ही विवादित जमीन पर बनेगा राम मंदिर, मस्जिद बनाने के लिए दी गई 5 एकड़ जमीन

अयोध्या विवाद एक राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक विवाद है जो नब्बे के दशक में सबसे ज्यादा उभार पर था। इस विवाद का मूल मुद्दा राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की स्थिति को लेकर है। विवाद इस बात को लेकर है कि क्या हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाया गया या मंदिर को मस्जिद के रूप में बदल दिया गया।

हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। ६ दिसम्बर सन् १९९२ को यह विवादित ढ़ांचा गिरा दिया गया और वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया।

अयोध्या पर फैसला: खाली जमीन पर नहीं बनी थी बाबरी मस्जिद

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ शनिवार को सुबह 10:30 बजे फैसला पढ़ना शुरू किया। संविधान पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े की याचिकाएं खारिज कर दीं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राम जन्मभूमि स्थान न्यायिक व्यक्ति नहीं है। हालांकि, सीजेआई ने कहा कि अदालत को धर्म और श्रद्धालुओं की आस्था को स्वीकार करना चाहिए। अदालत ने कहा कि 6 अगस्त से 16 अक्टूबर तक 40 दिन तक हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया

जानें आज फैसले में क्या-क्या हुआ…

  • अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिलेगी 5 एकड़ जमीन
  • अयोध्‍या में ही बनेगा राम मंदिर, मस्जिद के लिए दी जाएगी दूसरी जगह जमीन

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