संसद में सीट बदलने जाने पर संजय राउत को आया गुस्सा, उठाया ये बड़ा कदम..

महाराष्ट्र  की सियासी लड़ाई दिल्ली में लड़ी जा रही है। इस बीच, शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि संसद के ऊपरी सदन में उनकी सीट बगैर किसी पूर्व सूचना के बदल दी गई। पहले शिवसेना के दोनों राज्यसभा सदस्य तीसरी पंक्ति में बैठते थे, लेकिन सोमवार से शुरू हुए सत्र में उन्हें पांचवीं पक्ति में बैठने के लिए कहा गया है। यह बात संजय राउत को नागवार गुजरी और उन्होंने राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख दी। राउत का कहना है कि यह उनका और उनकी पार्टी का अपमान है।

राउत ने लिखा है कि किसी ने शिवसेना को नीचा दिखाने और आहत करने के लिए यह कदम उठाया है। यह शिवसेना की आवाज दबाने की साजिश है। राउत ने राज्यसभा सभापति को संबोधित करते लिखा है कि मैं आपको याद दिला दूं कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और एनडीए विपक्ष में था, तब भी मुझे वरिष्ठता के आधार पर तीसरी पंक्ति में स्थान दिया गया था।

नहीं किया एनडीए से अलग होने का आधिकारिक ऐलान: संजय राउत

चिट्ठी में संजय राउत ने यह भी लिखा कि जब शिवसेना ने एनडीए से अलग होने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, तो बिना किसी पूर्व सूचना के ऐसा कदम क्यों उठाया गया। यह समझ से परे है। राउत के मुताबिक, वे अपमानित महसूस कर रहे हैं और उनकी मांग है कि उन्हें फिर से पहले तीन पंक्तियोें में से किसी सीट पर स्थान दिया जाए।

शिवसेना ने JNU मसले पर मोदी सरकार को घेरा

बता दें, महाराष्ट्र में सरकार पर सस्पेंस बना हुआ है। 21 अक्टूबर को प्रदेश की सभी 288 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी और 24 नवंबर को काउंटिंग हुई थी। भाजपा 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, वहीं शिवसेना को 66 सीटें मिली थीं। शरद पवार की पार्टी एनसीपी को 64 तो कांग्रेस को 44 सीटों से संतोष करना पड़ा था। प्रदेस में बहुमत का आंकड़ा 145 है।

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