कांग्रेस में घमासान, टिकट को लेकर दिग्गज नेताओं में टकराव

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कास ली है। कहीं पर मायावती ने महागठबंधन में शामिल होने से मना कर दिया है, वहीं समाजवादी पार्टी ने छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाना शुरू कर दिया है। इन दोनों राज्यों में भाजपा की लम्बे समय से सरकार है, और विपक्ष की सभी पार्टियां उन्हें टारगेट करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। लेकिन कांग्रेस में अभी भी टिकट को लेकर दिग्गज नेताओं में घमासान मचा हुआ है। मध्यप्रदेश में चुनाव का टिकट हासिल करने के लिए दिग्गज नेताओं का दिल्ली में मजमा लगा है।

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच सीएम पद के लिए घमसान

कुछ सर्वे के सामने आने के बाद कांग्रेसियों को यह पक्का लग रहा है कि प्रदेश में उसकी सरकार बन रही हैं। लेकिन राज्यों में सीएम के पद को लेकर लडाई चल रही है। वहीँ राजनीति क्र जानकारों की मानें तो दिल्ली में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह ओर मीनाक्षी नटराजन के बीच अभी तक मनभेद चल रहा है। तीनो मुख्यमंत्री के पद के लिए खुद को सक्षम समझते हैं। साथ ही अपने करीबियों को टिकट दिलाने में लगे हुए हैं।
वहीँ ये तीनों बड़े नेताओं का ज़ोर मालवा की 48 सीटों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकिट लेने से रोकना है। चूंकि मालवा पूर्व में सिंधिया रियासत का हिस्सा रहा है और इस इलाके में सिंधिया का एकाधिकार माना जाता है। वहीं मालवा के इस हिस्से में कांग्रेस खुद को ताकतवर मानती है जिसके चलते हो सकता है कांग्रेस नेता आपस में पैक्ट करके अपने ज्यादा विधायक लाना चाहते हों।

जीतने पर सीएम कौन

लेकिन चुनावी घमसान के बीच जब कांग्रेस की सरकार बने तो सिंधिया को सीएम बनने से रोकने के पीछे तीनों दिग्गज लगे हुए हैं। वहीं सिंधिया खुद को राष्ट्रीय स्तर का नेता मानते हैं। लेकिन कांग्रेस की सुरक्षित सीट मालवा के पिपलियामंडी ओर ग्वालियर चम्बल इलाके में राहुल गांधी की सभाओं में जो जनसैलाब उमड़ा है, उससे सिंधिया के निश्चित तौर पर नम्बर बढ़े हैं और इनके इस बढ़ते कद के चलते भी

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कांग्रेस में घमासान संभव है।

इसके अलावा कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने तो चार माह पहले जावद विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मलेन का आयोजन कर हार्दिक पटेल को बुलाया था। गुजरात की तरह हार्दिक ने मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की मदद करने की ठानी है। वे कहते हैं कि चुनाव में ताकत से घूमूंगा ओर किसानों के हक की आवाज उठाऊंगा। हार्दिक पटेल के अलावा देश के बड़े दलित नेता गोपाल डेनवाल ने भी मालवा में अपना पांव फसा रखा है।

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