आतंकवाद के बीच नशे से निपटने की बड़ी चुनौती

आतंकवाद से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एक्साइज सहित अन्य विभागों के लिए नशा एक बड़ा चुनौती बना हुआ है। इससे निपटने के लिए विभाग प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन आतंकवाद व स्टाफ की कमी के कारण इन विभागों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।

आतंकवाद के बीच नशे से निपटने की बड़ी चुनौती

राज्य के एक बहुत बड़े भाग में भांग और अफीम की खेती होती है। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ तथा दक्षिण कश्मीर के अधिकांश हिस्से इसकी चपेट में हैं। इन जगहों पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो समय-समय पर अभियान चलाता है और भांग की खेती को नष्ट करता है। इसके अलावा एक्साइज विभाग की टीमें भी जगह-जगह पर अभियान चलाकर अफीम और भांग की खेती को नष्ट करती हैं। यह इसी का परिणाम है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, बिजबिहाड़ा और शोपियां जैसी जगहों पर इन नशीले पदार्थो की खेती में तीस से चालीस प्रतिशत की कमी आई है।

खराब हालात ने बढ़ाई समस्या

राज्य के खराब हालात ने नशे के खिलाफ अभियान पर अंकुश लगाया है। इस समय कश्मीर के जो हालात हैं, वह किसी से छिपे नहीं हैं। आए दिन हो रहे धरना प्रदर्शनों व पथराव के कारण भांग व अफीम की खेती के खिलाफ अभियान नहीं चलाए जा रहे हैं। इससे इन क्षेत्रों में फिर से इन पदार्थो की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि खराब हालात के कारण अभियान चला पाना इतना आसान नहीं है। स्थिति पर पूरी नजर रखी हुई है।

खाली पड़े पद :

राज्य में नशीले पदार्थो के खिलाफ अभियान चलाने वालों में एक प्रमुख विभाग नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो है, लेकिन इनके पास स्टाफ की कमी बनी हुई है। पूरे राज्य के लिए मात्र 26 पद हैं और उनमें भी तीस प्रतिशत खाली पड़े हुए हैं। विभाग के अधिकारी मानते हैं कि कम स्टाफ होने के कारण अभियान चलाने में परेशानी होती है। कोर्ट में चालान पेश करने से लेकर नशीले पदार्थ जब्त करना व खेती के खिलाफ अभियान चलाना इतने कम स्टाफ से संभव नहीं हो पाता है।

आतंकवाद में इस्तेमाल

कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में नशीले पदार्थो की खेती से आने वाले रुपयों का इस्तेमाल आतंकवाद का पोषण करने में होता है। आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद ही दक्षिण कश्मीर में अफीम व भांग की खेती को बढ़ावा मिला। कई बार जब संबंधित विभागों के अधिकारी नशीले पदार्थो की खेती को नष्ट करने के लिए जाते हैं तो उन्हें निशाना भी बनाया जाता है।

एक्साइज विभाग द्वारा कश्मीर में चलाया गया अभियान

साल नष्ट भांग की खेती अफीम की खेती

2015-16 4817 कनाल 501 कनाल

2016-17 180 कनाल 2873 कनाल

एक्साइज विभाग द्वारा जम्मू में चलाया गया अभियान

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साल नष्ट भांग की खेती अफीम की खेती

2016-17 1.10 कनाल 12.5 कनाल

नशा समाज को बर्बाद कर रहा

नशा समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है। पिछले कुछ वर्षो में राज्य में युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आ रही है। कुछ की मौत भी हुई है। नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। सभी मिलकर लोगों को अगर जागरूक करें तो इसका पूरे समाज को लाभ होगा।   

-नागेंद्र जम्वाल, डिप्टी कमिश्नर, एक्साइज जम्मू

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