कब मनाया जा रहा हनुमान जन्मोत्सव? बजरंगबली के बाल रूप की पूजा का है विशेष महत्व

अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल महीने में हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है. इसे चैत्र का महीना कहा जाता है. हर महीने के 30 दिनों को दो पक्षों में बांटा जाता है, जिसे कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष कहा जाता है. इसी क्रम में चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी के बाल रूप की विधि विधान से पूजा की जाती है. कलयुग में माना जाता है कि हनुमान जी जीवित हैं, इसलिए उन्हें कलयुग का देवता भी कहा जाता है. इस दिन इनकी पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. इसके लिए क्या करें? इस बारे में विस्तार से न्यूज़18 हिंदी बताया है भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने.

इस हनुमान जयंती के दिन आप कुछ विशेष काम करके भगवान को खुश कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. भगवान के आशीर्वाद से आपके रुके काम पूरे हो सकते है. घर में सुख-समृद्धि आती है. जानिए हनुमान जन्मोत्सव केदिन ऐसा क्या करें कि आप पर भगवान की कृपा बरसे. हनुमान जन्मोत्सव को हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं.

भगवान हनुमान को पसंद हैं लाल वस्त्र
हनुमान जयंती के दिन देश के सभी घरों और मंदिरों में बाल रूप की पूजा होती है. इस दिन भगवान को लाल रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं. उनको लाल कपड़े पहनाना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही भगवान को पीले रंग के वस्त्र भी पहना सकते हैं.

इस विधि से दुख करेंगे दूर
हनुमान जयंती के दिन भगवान की पूजा कर दुख से निदान पा सकते हैं. हनुमान जयंती के दिन पीपल के 11 पत्तों पर चंदन या कुमकुम से श्री राम का नाम लिखकर पत्तों की माला बना लें. इस माला को हनुमान जी को पहनाने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे. साथ ही आर्थिक समस्या का भी समाधान होता है.

सरसों तेल का दीप जलाएं
हनुमान जयंती के दिन भगवान के सामने बैठकर एक घी का और एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं और वहीं बैठकर हनुमान जी का ध्यान करते हुए बजरंग बाण का पाठ करें. हनुमान जयंती के दिन पाठ करने से उनकी विशेष कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी. इसके साथ ही उनको पान का एक बीड़ा बनवाकर चढ़ाएं.

कुंडली दोष को दूर करें
हनुमान जयंती के दिन कुंडली दोषों को भी दूर किया जा सकता है. कुंडली दोषों को दूर करने के लिए जयंती के दिन उड़द के 11 दानें, सिंदूर, चमेली का तेल, फल, फूल आदि चढ़ाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. इससे कुंडली दोष शीघ्र दूर होते हैं.

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