कानपुर: जीवन बीमा पॉलिसी बीच में बंद करने वाले वापस ले सकेंगे GST

एडवांस या पूरा भुगतान करने के बाद भी किन्हीं कारणों से फ्लैट खरीद की डील निरस्त होने या जीवन बीमा पॉलिसी बीच में ही खत्म करने की स्थिति में लोग अपना जीएसटी वापस ले सकेंगे। जीएसटी विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए आवेदन करना होगा। एक हजार से कम का रिफंड है, तो नहीं मिल पाएगा।


रिफंड दो साल के ही लिए जा सकेंगे। नई व्यवस्था से शहर के पांच लाख से ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा। कोई भी अपंजीकृत व्यक्ति जब बिल्डर से फ्लैट या भवन की खरीद करता है और एडवांस या पूरे धन का भुगतान करता है तो बिल्डर उनसे जीएसटी चार्ज लेते हैं और विभाग में जमा कर देते हैं। किन्हीं कारणवश सौदा रद्द हो जाता है, तब बिल्डर उन्हें जीएसटी की रकम वापस नहीं करते हैं।

अब विभाग द्वारा इन अपंजीकृत खरीदारों या आवंटी को रिफंड करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी तरह बीमा पालिसी धारक व्यक्ति जीवन बीमा निगम की दीर्घकालीन पॉलिसी पर जीएसटी अदा करते हैं। भविष्य में पॉलिसी समय पूर्व बंद हो जाती है या पॉलिसी धारक पूरी अवधि के पहले ही भुगतान ले लेते हैं।

लाखों लोगों को फंसा धन मिल सकेगा
ऐसी स्थिति में जीवन बीमा निगम जीएसटी की धनराशि वापस नहीं करता है। ऐसे बीमा धारक अपंजीकृत व्यक्ति भी रिफंड ले सकेंगे। वरिष्ठ कर अधिवक्ता संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि जीएसटी कमिश्नर ने पत्र जारी किया है। इसमें रिफंड लेने की प्रक्रिया तय की गई। इस व्यवस्था से लाखों लोगों को फंसा धन मिल सकेगा।

इस तरह लिया जा सकेगा रिफंड
ऐसे अपंजीकृत व्यक्ति जीएसटी कॉमन पोर्टल पर अस्थायी पंजीयन का आवेदन करेंगे। यह पंजीयन आयकर की पैन संख्या पर आधारित होगा। आधार से सत्यापित होगा। रिफंड फॉर अनरजिस्टर्ड पर्सन की श्रेणी में यह अस्थायी पंजीयन मिल सकेगा।

बैंक खाते में रिफंड ऑनलाइन आएगा
पंजीयन मिलने के बाद रिफंड का प्रार्थनापत्र जीएसटी आरएफडी 01 जीएसटीएन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। सभी आवश्यक दस्तावेज इस आवेदन फार्म के साथ अपलोड किए जाएंगे। बैंक खाते का विवरण अपलोड किया जाएगा। इसी बैंक खाते में रिफंड ऑनलाइन आएगा। रिफंड की धनराशि पंजीकृत विक्रेता या जीवन बीमा निगम द्वारा जारी टैक्स इनवाइस से अधिक नहीं होगी।

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