वाराणसी : सर्विलांस से बचने के लिए घर पर मोबाइल रखते थे बदमाश

एटीएस की गिरफ्त आए जाली नोट की तस्करी गिरोह के सदस्य पुलिस के सर्विलांस से बचने के लिए घर पर मोबाइल ऑन कर तस्करी के लिए निकलते थे। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने गिरोह के दो और सदस्यों के नाम बताए हैं। पकड़े गए गिरोह के दो सदस्य इतने शातिर थे कि वे नकली नोट लेने से पहले बंगाल से व्हाट्स एप पर मंगाते थे और फिर सैंपल का असली नोट से मिलान करते थे। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही वे तस्करी के लिए जाली नोट लेने जाते थे।

एटीएस की पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल और प्रतापगढ़ के दूसरे तस्कर से भी केवल इंटरनेट कॉलिंग के जरिये ही संपर्क करते थे। गिरफ्तार दीपक और चंदन ने बताया कि प्रतापगढ़ के ही अच्छेलाल चौरसिया और पश्चिम बंगाल में इंद्रजीत मंडल के पास गया था। वहां उसने नकली नोट का सैंपल देखा। फिर इंद्रजीत मंडल के मोबाइल से दीपक के मोबइल नर व्हाट्सएप मैसेज किया। साथ ही 500 रुपये के जाली नोट का सैंपल भेजा। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुए थे।

एटीएस ने 97500 रुपये के जाली नोट के साथ प्रतापगढ़ के बरहुआ भोजपुर (मांधाता) निवासी दीपक कुमार और आसी बाबू पट्टी (रानीगंज) चंदन कौशिक को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में प्रतापगढ़ के माधोपुर महेशपुर (लालगंज) निवासी अक्षय लाल चौरसिया और पश्चिम बंगाल के मालदा के कालियाचक निवासी इंद्रजीत मंडल नामक बड़े तस्करों का नाम भी सामने आया है।

व्हाट्सएप के जरिये तस्करों से करते थे संपर्क
पूछताछ में दीपक ने बताया कि चंदन कौशिक के कहने पर उसने अपना मोबाइल फोन घर पर चालू हालत में छोड़ दिया था। ताकि पुलिस को शक भी हो तो वे पकड़े नहीं जा सकें। चंदन के मोबाइल फोन से व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिये ही तस्करों से संपर्क में बने हुए थे। अपना मोबाइल चालू हाल में छोड़कर पश्चिम बंगाल गया। वहां से जाली नोट लेने के बाद चंदन हवाई जहाज से अयोध्या होते हुए घर गया। दीपक के घर से उसका फोन लिया। वाराणसी में रोडवेज के सामने दीपक को उसका फोन दिया।

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