राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं को धार्मिक बयानबाज़ी के लिए किया सख्त मना

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस हर मोर्चे पर ख़ुद को दुरुस्त करने में लगी है, इस बाबत आज राहुल गांधी ने अपने उन शीर्ष नेताओ की एक गुप्त बैठक बुलाई जो अखबारो में लेख के माध्यम से पार्टी का पक्ष जनता के बीच रखते हैं.राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं को धार्मिक बयानबाज़ी के लिए किया सख्त मना

कांग्रेस सूत्रों के मानें तो राहुल गांधी ने इस बैठक के ज़रिए नेताओं को ये बताने की कोशिश की कि पार्टी की राय जनता को कभी बंटी हुई न लगे. पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में भी राहुल ने अपने नेताओं को दो टूक में भी यही बात समझाने की कोशिश की कि कोई भी नेता पार्टी लाइन से अलग बयानबाज़ी करता न दिखे. ख़ासकर उन बयानों से पार्टी परहेज़ करेगी जिस पर धार्मिक ध्रुवीकरण की सम्भावना हो क्योंकि ऐसी स्थिति में भाजपा को इससे फ़ायदा होगा.

लगभग दो घंटे से ज़्यादा चली इस बैठक में कांग्रेस कम्यूनिकेशन प्रमुख रणदीप सुरजेवाला, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, राजीव शुक्ला, शशि थरूर, जयराम रमेश समेत देश भर के क़रीब 40 नेता शामिल हुए. बैठक पर चर्चा इस बात पर हुई कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की बात को बेहतर तरीके से लोगों के पास कैसे लेकर जाया जाए.

राहुल ने सुझाव दिया कि नेता आम आदमी की भाषा में मुद्दों को रखें. सूत्रों के मुताबिक़ राहुल ने बैठक में नेताओ को ये भी स्पष्ट किया कि, भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा सहित मुद्दों पर जब दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस हो तो उसका फ़ॉलोअप हर राज्य में भी होना चाहिए. साथ ही आगामी तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी राहुल ने गुरुमंत्र दिया. मध्यप्रदेश,राजस्थान, छत्तीसगढ़ से आए नेताओं से राहुल ने कहा कि पार्टी स्थानीय समस्याओं को मज़बूती से उठाए और जनता के बीच पार्टी अपनी पकड़ मज़बूत करे.
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