NPR-जनगणना में मिलेगा 30 लाख लोगो को काम, असम में नहीं लागू होगा NPR

NPR का काम उस मेगा एक्सरसाइज के साथ ही होगा, जो हर 10 साल में भारत में होती है और ये मेगा एक्सरसाइज देश की जनगणना की है. करीब 30 लाख लोग जनगणना और एनपीआर के काम में लगेंगे, जिसके लिए 12 हजार करोड़ से ज्यादा के बजट को पास कर दिया गया है.

नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश में बवाल के बीच मोदी सरकार अब NPR का राग छेड़ दिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. भारत के जनगणना 2021 की कवायद के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई. वहीं, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के उन्नयन के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई.

राष्‍ट्रीय महत्‍व के इस बड़े काम को पूरा करने के लिए 30 लाख कर्मियों को देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में भेजा जाएगा. जनगणना 2011 के दौरान ऐसी कर्मियों की संख्‍या 28 लाख थी. एनपीआर अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच असम को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा. जबकि जनगणना का काम पूरे देश में होगा. एनपीआर का काम जनगणना कार्य के साथ ही होगा. असम को इससे अलग इसलिये रखा गया है क्योंकि वहां पहले ही राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण का कार्य हो गया है.

एनपीआर के आंकड़े पिछली बार 2010 में घर की सूची तैयार करते समय लिए गए थे जो 2011 की जनगणना से जुड़े थे. 2015 में घर घर जाकर इन आंकड़ों को अपडेट किया गया था. इस बार जनगणना के नतीजे आम जनता को इस तरह उपलब्‍ध कराए जाएंगे ताकि उन्‍हें ये समझने में आसानी हो.

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जनसंख्‍या से जुड़े ब्‍लॉक स्‍तर के आंकड़े परिसीमन आयोग को भी मुहैया कराए जाएंगे ताकि लोकसभा और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में इनका इस्‍तेमाल हो सके.

इसके अलावा जनगणना और एनपीआर से पूरे देश में प्रत्‍यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार का सृजन होना है. जनगणना और एनपीआर के काम में स्‍थानीय स्‍तर पर 2900 दिनों के लिए करीब 48 हजार लोगों को लगाया जाएगा. दूसरे शब्‍दों में इससे करीब 2 करोड़ 40 लाख मानवदिवस के रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

NPR में पूछे जाएंगे ये सवाल

एनपीआर में देश की जनता को कुछ जानकारियां देनी होंगी. जिसमें व्यक्ति का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी. NPR में दर्ज जानकारी लोगों द्वारा खुद दी गई सूचना पर आधारित होगी. नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है.

ऐसी होगी NPR की पूरी प्रक्रिया

पॉपुलेशन रजिस्टर में तीन प्रक्रियाएं होंगी. पहले चरण में एक अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जुटाएंगे. वहीं दूसरे चरण में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा. तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी.

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