होली में अकेले बैठकर बोर होने की जगह निकल जाएं उत्तराखंड की इस नायाब जगह की सैर पर

अगर आपका होली में कहीं प्लान नहीं बन पाया है, लेकिन इस त्योहार को घर में अकेले बैठकर नहीं बिताना चाहते, तो कहीं आसपास घूमने का प्लान कर सकते हैं। दिल्ली, नोएडा, हरियाणा रहने वाले लोगों के लिए उत्तराखंड बेस्ट डेस्टिनेशन है, जिसे आसानी से 4 से 5 घंटे में कवर कर सकते हैं। उत्तराखंड की बेहद खूबसूरत जगह है पिथौरागढ़। जो नेपाल और तिब्बत के बीच स्थित घाटी में स्थित एक शहर है। यह कुमाऊं क्षेत्र के चौथे सबसे बड़े शहर के रूप में भी जाना जाता है। जो चारों तरफ से हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। बहुत ही कम पैसों में यहां घूमने-फिरने का आनंद ले सकते हैं।

कैसे पड़ा पिथौरागढ़ नाम?
पिथौरागढ़ नाम से जुड़ी एक कहानी है। पहले इसका नाम सोरघाटी था, सोर मतलब झील। ऐसा मानते हैं कि पहले पिथौरागढ़ घाटी में लगभग सात तालाब थे, लेकिन धीरे-धीरे उन तालाबों का पानी सूख गया और वो पठारी भूमि में तब्दील हो गए। जिस वजह से उसका नाम पिथौरागढ पड़ गया। एक दूसरी कहानी के अनुसार पिथौरागढ़ का नाम भारत के शूरवीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान के नाम पर रखा गया था।

पिथौरागढ़ में घूमने वाली जगहें
पिथौरागढ़ किला
पिथौरागढ़ का आकर्षण है पिथौरागढ़ का किला। जिसका निर्माण सन् 1789 में करवाया गया था। कुमाऊं की काली नदी पर स्थित इस किले की बनावट इसे और ज्यादा खास बनाती है। किले को देखने के लिए कुछ दूर ट्रेकिंग करनी पड़ती है। यहां आकर आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं।

थल केदार मंदिर
पिथौरागढ़ आकर थल केदार मंदिर में माथा टेकना मिस न करें। भगवान शंकर को समर्पित यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है, जिस वजह से इसकी खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है। यहां दर्शन के लिए आपको कुछ देर की ट्रेकिंग करनी पड़ती है। शिवरात्रि के दौरान यहां बहुत ज्यादा भीड़ होती है। थल केदार मंदिर मुख्य शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चंडाक
चंडाक पिथौरागढ़ की ट्रेकिंग वाली जगह है। जो पिथौरागढ़ से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित चंडाक देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस जगह ट्रेकिंग का अलग ही आनंद है। ऊंचाई पर पहुंचकर आप हिमालय का शानदार नजारा देख सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यहां पांडवों ने अज्ञातवास के कुछ दिन गुजारे थे।

अस्कोट अभ्यारण्य
अगर आपको जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में रुचि रखते हैं, तो आपको अस्कोट अभ्यारण्य जरूर आना चाहिए। जो पिथौरागढ़ की पैसा वसूल जगह है। अस्कोट अभयारण्य पिथौरागढ़ से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां आकर आप तेंदुआ, तीतर, भील, हिमालयन भालू, हिम तेंदुआ और कस्तूरी मृग जैसे कई जानवरों को देख सकते हैं। अगर फैमिली के साथ यहां आ रहे हैं, तब तो आपको यहां आने का मौका बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए।

Back to top button