शुभ कार्यों में रोक 12 जुलाई से अगले चार महीनों तक लग जाएगी, जानें क्यों

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ करने में मुहुर्त और समय का विशेष ध्यान दिया जाता है। 12 जुलाई से अगले 4 महीनों के लिए किसी भी तरह के शुभ कार्य करने में रोक लग जाएगी। 12 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस एकादशी के दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चार महीनों के लिए छीर सागर में चले जाएंगे। भगवान की इस चार महीनों की निद्रा को चातुर्मास कहा जाता है। चातुर्मास में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता। शास्त्रों में इन चार महीनों में पूजापाठ और भजन कीर्तन का विशेष महत्व होता है।
देवशयनी एकादशी का महत्व

धार्मिक दृष्टि से ये चार महीने भगवान विष्णु के निद्राकाल माने जाते हैं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इस दौरान सूर्य व चंद्र का तेज पृथ्वी पर कम पहुंचता है, जल की मात्रा अधिक हो जाती है, वातावरण में अनेक जीव-जंतु उत्पन्न हो जाते हैं, जो अनेक रोगों का कारण बनते हैं। इसलिए साधु-संत, तपस्वी इस काल में एक ही स्थान पर रहकर तप, साधना, स्वाध्याय व प्रवचन आदि करते हैं। इन दिनों केवल ब्रज की यात्रा की जा सकती है, क्योंकि इन महीनों में भूमण्डल के समस्त तीर्थ ब्रज में आकर वास करते हैं।

विवाह के शुभ मुहूर्त-11 जुलाई तक

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार विवाह के लिए 2, 8, 10 और 11 जुलाई को मुहूर्त हैं। 12 जुलाई के बाद कोई भी विवाह का मुहूर्त नहीं है। फिर 8 नवंबर को देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

देवउठनी एकादशी बाद विवाह के शुभ मुहूर्त

देवउठनी एकादशी के बाद शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। जिसमें 19, 20, 21, 22, 23, 28 और 30 नवंबर को विवाह के मुहूर्त होंगे।
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