मुझे चुनाव में टिकट की कमी नहीं, PM ने बिना सलाह की थी नोटबंदी: शत्रुघ्न सिन्हा
विवादित भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी सरकार को तानाशाही करार दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की कमी नहीं है। सिन्हा रविवार को यहां आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी हरमोहन धवन के समर्थन में रैली के दौरान संबोधित कर रहे थे।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अभी उन्हें निकाला नहीं गया है और न ही उन्होंने पार्टी छोड़ी है। लोग कहते हैं कि इस बार उन्हें लोकसभा की टिकट नहीं मिलेगी लेकिन कोई यह नहीं पूछता कि क्या शत्रुघ्न सिन्हा इस बार भाजपा से टिकट मांगेंगे। सिन्हा ने अपने विशेष अंदाज में दावा किया कि उन्हें टिकट की कोई कमी नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्यक्ति से बड़ी पार्टी होती है और पार्टी से बड़ा देश होता है। वे जो भी कहते हैं, जनहित में कहते हैं। ऐसे में भाजपा से पहले उनके लिए देश की जनता है। उनकी जवाबदेही जनता के प्रति ज्यादा है। इसीलिए वे यहां पर आम आदमी पार्टी की रैली में आए हैं।
नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा
सिन्हा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लोकशाही थी लेकिन अब तानाशाही है। लोगों को केंद्र सरकार के मंत्रियों तक के नाम तक याद नहीं होंगे। रातोंरात नोटबंदी जैसे फरमान सुना दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले को लागू करने के लिए अपने वित्त मंत्री के साथ भी सलाह नहीं की। उन्होंने कहा कि इस समय देशवासी माहौल बदलने के लिए चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से देश में आक्रोश है। सभी अपने मुखिया के साथ हैं। जल्द से जल्द सरकार को कदम उठाने चाहिए।
जमकर की केजरीवाल की तारीफ
सिन्हा ने रैली में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मेरे देश की पार्टी है। इनका एक कैरेक्टर है, ये लोग ईमानदार हैं। केजरीवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा गया था कि अगर हिम्मत है तो चुनाव में आकर दिखाओ। जबकि केजरीवाल राजनीति में नहीं आना चाहते थे।
सिन्हा का आगमन शुभ : धवन
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन ने कहा कि बिहारी बाबू उनके लिए शुभ हैं। जब उन्होंने पहली बार चुनाव जीता था, तब भी सिन्हा उनकी रैली में आए थे। आज फिर आए हैं। ऐसे में आप चुनाव जीतेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में सांसद खेर को उन्होंने चुनाव जितवाया। उस समय भाजपा ने अपने घोषणापत्र में 60 वायदे किए, जिनमे से एक भी पूरा नहीं हुआ है। उन्हें 4 माह के लिए मंत्री बनने का मौका मिला था, जिस दौरान भरपूर काम किए गए थे। आज तक शहर का कोई सांसद इतने काम नहीं करवा पाया है।