मासिक GST संग्रह से तुलना करें तो अप्रैल के GST संग्रह वृद्धि दिखती है अधिक

टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाए गए कदमों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस साल अप्रैल में 1.13 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह हुआ जो पिछले साल के मुकाबले 10 फीसद अधिक है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस साल मार्च के लिए 30 अप्रैल तक 72.13 लाख असेसी ने जीएसटीआर-3बी दाखिल किया है। इस साल अप्रैल लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। मार्च में जीएसटी संग्रह 1.06 लाख करोड़ रुपये था।

मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में जीएसटी संग्रह 1,13,865 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष अप्रैल में यह 1,03,459 करोड़ रुपये था। इस तरह जीएसटी संग्रह में 10.05 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है। अगर अप्रैल के जीएसटी संग्रह की तुलना पिछले वित्त वर्ष के औसत मासिक जीएसटी संग्रह से करें तो वृद्धि और भी अधिक दिखती है। पिछले वित्त वर्ष में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 98,114 लाख करोड़ रुपये था। इसके मुकाबले अप्रैल में जीएसटी संग्रह 16.05 फीसद अधिक है। सरकार ने नियमित सेटलमेंट के तौर पर इंटिग्रेटेड जीएसटी यानी आइजीएसटी से 20,370 करोड़ रुपये सेंट्रल जीएसटी और 15,975 करोड़ रुपये स्टेट जीएसटी के रूप में समायोजित किए हैं।

इसके अलावा आइजीएसटी में जो 12,000 करोड़ रुपये राशि बची थी, उसे भी 50:50 के अनुपात में केंद्र और राज्यों के बीच प्रॉविजनल आधार पर बांट दिया गया है। इस तरह रेग्युलर व प्रॉविजनल सेटलमेंट के बाद इस वर्ष अप्रैल में केंद्र के खजाने में सीजीएसटी के रूप में 47,533 करोड़ रुपये और राज्यों के खजाने में एसजीएसटी के रूप में 50,776 करोड़ रुपये आए हैं। माना जा रहा है कि सरकार ने ई-वे बिल के प्रभावी क्रियान्वयन सहित हाल के महीनों में टैक्स चोरी रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं, उसके कारण अप्रैल में जीएसटी संग्रह में उछाल आया है।

सरकार ने 2019-20 में सीजीएसटी से 6.10 लाख करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति सैस से 1.01 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही आइजीएसटी बैलेंस भी लगभग 50,000 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष (2018-19) में सीजीएसटी से सरकार के खजाने में 4.25 लाख करोड़ रुपये आए थे। इसी तरह क्षतिपूर्ति सैस से भी भारी भरकम 97,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।

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