अभी अभी: गोरखपुर कांड को लेकर हुआ सबसे बड़ा खुलासा, ये बड़ा सच आया सामने

ऐसा लगता है कि गोरखपुर कांड योगी सरकार के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है और मीडिया चैनल भी साजिशकर्ताओं के हाथों बिक गए हैं क्योंकि आज सुबह से मीडिया ने जिस तरह से TRP के लिए उल्टी सीधी ख़बरें दिखाईं और योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की उसे देखकर लगा कि मीडिया और टीवी चैनल किसी अजेंडे के तहत ख़बरें दिखा रहे हैं. इन मीडिया चैनलों ने सच का इन्तजार भी करने की कोशिश नहीं की और उल्टी सीधी ख़बरें दिखाकर योगी सरकार, बीजेपी और मोदी को बदनाम करने लगे.गोरखपुर कांड को लेकर हुआ सबसे बड़ा खुलासा

खैर अब सच सामने आ रहा है तो मीडिया की भी पोल खुल गयी है. मीडिया वालों का कहना था कि योगी सरकार ने BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को बकाया राशि नहीं दी जिसकी वजह से उसनें सप्लाई रोक दी और 65 बच्चों की मौत हो गयी इसलिए इस घटना के लिए योगी सरकार जिम्मेदार है, जी न्यूज़ जैसे मीडिया चैनलों ने तो इसे नरसंहार का नाम देकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की.

आज योगी ने खुद बताया कि ऑक्सीजन सप्लायर ने पेमेंट में लिए 1 अगस्त को पत्र लिखा था, यह पत्र मेडिकल एजुकेशन के DG को 4 अगस्त को भेजा गया और 5 अगस्त को सरकार ने पैसे जारी कर दिए. जब हेल्थ शिक्षा विभाग ने पैसे जारी कर दिए और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कंपनी को पैसे नहीं दिए तो इसमें सरकार की गलती है या प्रिंसिपल की. इसीलिए प्रिंसिपल पर कार्यवाही की गयी है और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

इसे भी पढ़े: लखनऊ में स्वाइन फ्लू का कहर जारी, अब तक छह मौतें, 373 मरीज पाए गए

अखिलेश यादव और ऑक्सीजन सप्लायर के रिश्ते आए सामने

अगर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर कांड की सही से जांच की जाए तो इसमें अखिलेश यादव भी फंस सकते हैं क्योंकि आज स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव और ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के बीच संबंधों का खुलासा किया है. कहा जा रहा है कि इस कंपनी के ऑक्सीजन सप्लाई रोकने से ही BRD मेडिकल कॉलेज में 65 बच्चों की मौत हुई है.

उन्होंने कहा कि सप्लायर की भूमिका की जांच करने के लिए हमें चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है, वे एक हप्ते के अन्दर सप्लायर की भूमिका की जांच करेंगे क्यूंकि इस सप्लायर को 2014 में 8 वर्ष के लिए पिछली अखिलेश सरकार ने ठेका दिया था. हम सप्लायर की जांच कर रहे हैं और नतीजे आने के बाद आपको बताया जाएगा. हो सकता है कि सप्लायर के साथ मिलकर कुछ साजिश की गयी हो.
Back to top button