उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली में एक अप्रैल से शराब पर प्रतिबंध

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद गढ़वाल के तीन जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में एक अप्रैल से शराब पर प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि, आबकारी महकमे ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिस पर 31 मार्च को सुनवाई हो सकती है। दिसंबर 2016 में हाईकोर्ट ने एक रिट पर राज्य सरकार को चारधाम के जिलों में शराब प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे।विभाग को यदि सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली तो एक अप्रैल से तीनों जिलों में शराब की बिक्री बंद हो जाएगी।एक अफसर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से पक्ष में फैसला न आने पर हाईकोर्ट के आदेश का मानना बाध्यकारी होगा। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी अप्रैल से नेशनल व स्टेट हाईवे से 500 मीटर की दूरी पर शराब की दुकानें खोलने के आदेश दिए हैं। राज्य में इसकी जद में 423 दुकानें आ रही हैं। इन्हें शिफ्ट करना भी प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।तीनों जिलों में शराब पर प्रतिबंध के चलते सरकार को करीब 33 करोड़ राजस्व का नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए कड़ी मशक्कत करना होगा।

इन जिलों में शराब बंदी की तिथि नजदीक आते ही इन दिनों दुकानों में खपत बढ़ गई है। माना जा रहा है कि शौकीन शराब का स्टोरेज करने लगे हैं। एक माह बढ़ेगी पॉलिसी आबकारी पॉलिसी पर अभी राज्य सरकार चर्चा नहीं कर पाई है। पॉलिसी को कैबिनेट में मंजूरी दी जानी है लिहाजा, राज्य सरकार एक माह के लिए पुरानी पॉलिसी को एक्सटेंशन देगी। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि पुरानी पॉलिसी में कई संशोधन किए जाने प्रस्तावित हैं।सूत्रों ने बताया कि आबकारी महकमे ने नेशनल और स्टेट हाईवे से 500 मीटर दूर खोली जाने वाली दुकानों के बाबत वित्त विभाग से परामर्श मांगा है। विभाग का कहना है कि जो दुकानें हाइवे से हटेंगी, क्या अगले वित्तीय वर्ष में उन पर भी राजस्व लागत बढ़ाई जानी या नहीं। माना जा रहा है कि जो दुकानें शिफ्ट होंगी, यदि उन पर राजस्व बढ़ाया जाएगा तो उनके नीलामी में मुश्किल आ सकती है।आबकारी महकमा नए वित्तीय वर्ष में शराब से 2310 करोड़ राजस्व लक्ष्य रख सकता है।

मौजूदा वित्तीय वर्ष में 2100 करोड़ का लक्ष्य था। फरवरी के महिने तक विभाग ने 1850 करोड़ तक का लक्ष्य हासिल कर लिया था।बता दें कि चारधाम यात्र मार्ग के क्षेत्रों में शराबबंदी का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने भी समर्थन किया। संघ ने यात्र मार्ग पर शराब के साथ ही मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध पर जोर दिया।राष्ट्रीय स्वयं सेवक के क्षेत्र सामाजिक समरसता प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने कहा कि यात्र रुट पर शराबबंदी होनी चाहिए।

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