अमेरिका का बड़ा बयान, सिंधु नदी का पानी किसे देना है फैसला हम करेगें

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौते को लेकर चल रहे विवाद में अमेरिका ने हस्तक्षेप किया है।पाकिस्तानी अखबार डॉन ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी कि बिना किसी औपचारिक आमंत्रण के अमेरिका ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है और उसने इसे सुलझाने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

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जानकारी के मुताबिक, पिछले शुक्रवार अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार से फोन पर बात की और कहा कि अमेरिका इस मामले में एक मैत्रीपूर्ण समाधान की अपेक्षा रखता है। इस्लामाबाद से जारी बयान के मुताबिक, केरी ने डार को बताया कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने हाल ही में सिंधु जल विवाद पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की शिकायतों के बारे में बताया।
बयान के मुताबिक, डार ने केरी को अमेरिका द्वारा इस मामले में पाक का समर्थन करने के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने केरी से कहा कि यह विश्व बैंक की जिम्मेदारी थी कि वह इस बात की निगरानी करे कि भारत द्वारा समझौते का उचित पालन हो। इस बातचीत के बाद पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डेविड हेल ने इस्लामाबाद में डार से मुलाकात भी की।
बता दें कि दोनों देशों के बीच यह विवाद सिंधु नदी पर किशनगंगा और राटले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट्स के निर्माण को लेकर है।पाकिस्तान का पक्ष है कि इन दोनों ही प्रॉजेक्ट्स का डिजाइन ऐसा है, जो सिंधु जल समझौते के खिलाफ है। भारत-पाक के बीच यह समझौता 1960 में हुआ था।
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