सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में मस्जिद के लिए बनाया ट्रस्ट

लखनऊ। अयोध्या में राममंदिर के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम से ठीक पहले सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर लिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गठित ट्रस्ट का नाम इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन होगा।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए अलग कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा था। अब सुन्नी वक्फ बोर्ड उसी जमीन पर मस्जिद के साथ ही अन्य जनोपयोगी निर्माण करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को न्यायालय के फैसले के मुताबिक अयोध्या जिले के रौनाही में पांच एकड़ जमीन दी थी। वक्फ बोर्ड और बाबरी विवाद के कुछ अन्य पक्षकारों ने पहले इस जमीन को लेने के लिए सहमित नही जतायी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में पुनर्विचार याचिका भी दायिर की गयी थी जो खारिज कर दी गयी थी। मामले के एक अन्य पक्षकार बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सदस्यों का कहना था कि मस्जिद के स्थान पर अन्यत्र जमीन नहीं ली जा सकती है। हालांकि बाद में वक्फ बोर्ड ने जमीन लेना स्वीकार कर लिया था।

बुधवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 15 सदस्यों के ट्रस्ट के गठन का एलान कर दिया। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य होंगे। बोर्ड अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ट्रस्ट के चीफ ट्रस्टी व चेयरमैन होंगे। वक्फ बोर्ड नें अदनान फारुक शाह को ट्रस्ट का उपाध्यक्ष व अतहर हुसैन को कोषाध्यक्ष नामित किया है। ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में पैड आफताब, मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी, सेख सईदुजमां, मोहम्मद राशिद व इमरान अहमद शामिल हैं। बोर्ड इस ट्रस्ट के छह अन्य सदस्यों के नाम बाद में घोषित करेगा।

वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी के मुताबिक ट्रस्ट के गठन के बाद अब जल्दी ही मस्जिद के निर्माण की तारीख पर फैसला लिया जाएगा। बोर्ड ने इस पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के साथ ही विश्वस्तरीय पुस्तकालय व अस्पताल बनाने का एलान किया था।

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