लखनऊ. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आंतकी संगठन आईएसआईएस को भारत में अपना नेटवर्क बनाने का सपना देखना छोड़ देने की नसीहत दी है। रविवार को उन्होंने कहा कि हमारे देश की सेना इतनी मजबूत हैं कि कोई भी यहां अपनी जड़े नहीं जमा पाएगा। इसलिए आईएएस ऐसे ख्वाब देखना छोड़ दे, क्योंकि अब हम इतने सक्षम हैं कि कोई भी आंतकी वारदात को अंजाम देने से पहले आर्मी की गिरफ्त में होगा। गृहमंत्री राजनाथ ने ये बातें लखनऊ में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के दौरान कही। बता दें, वे गुरुवार से अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर थे।
पाक के आरोपों को कोई मतलब नहीं
हाल ही में पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ यूनाइटेड नेशन सिक्युरिटी काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि एलओसी पर भारत दीवार बनाना चाहता है। इस मामले पर गृहमंत्री ने कहा कि यूएनएससी को लिखा गया पाक का ये लेटर हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सईद सलाहुद्दीन के बयान पर आधारित है। सही वक्त पर इसका वाजिब जवाब दिया जाएगा। राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान के लगाए गए किसी भी आरोप को कोई मतलब नहीं होता है।
राज्यपाल ने साझा की मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट
गृहमंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली वापस जाने से पहले राजभवन जाकर राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने गृहमंत्री से मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट साझा की और राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों की भी जानकारी दी।
27 अगस्त 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों की जांच करने वाली जस्टिस विष्णु सहाय कमीशन ने कुछ दिन पहले अपनी रिपोर्ट गवर्नर राम नाईक को सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक, 775 पेजों की रिपोर्ट में बीजेपी और एसपी के स्थानीय नेताओं को दंगा भड़काने का दोषी बताया गया है।जस्टिस सहाय ने मुजफ्फरनगर पुलिस और प्रशासन के सीनियर ऑफिसर्स को भी लापरवाही और चूक का जिम्मेदार बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लापरवाहियों की वजह से ही स्थिति बिगड़ी।
377 गवाहों के बयान दर्ज
मुजफ्फरनगर में दंगों की जांच रिपोर्ट जस्टिस विष्णु सहाय ने बुधवार को राज्यपाल राम नाईक को सौंपी। जांच रिपोर्ट को फिलहाल गोपनीय रखा गया है। जांच रिपोर्ट को 6 चैप्टर में बांटा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सहाय ने आम लोगों और राजनीतिक पार्टियों के 377 गवाहों का बयान दर्ज किया। 100 सरकारी अधिकारियों का भी बयान दर्ज किया गया है।तत्कालीन डीजीपी देवराज नागर, मेरठ के आईजी, डीआईजी, जिला मजिस्ट्रेट के अलावा पांच 5 दंगा पीड़ित जिलों के एसपी से भी पूछताछ की थी।
सीएम को भेजा जाएगा रिपोर्ट
गर्वनर राम नाईक ने कहा, ‘आगे की कार्रवाई के लिए कमिशन की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजा जाएगा। कमीशन ने जांच रिपोर्ट की पहली कॉपी सौंपी है। इसे राज्य सरकार के पास जरूरी कार्रवाई के लिए जल्द ही भेज दिया जाएगा।’
क्यों भड़का था दंगा?
मुज़फ्फरनगर में 27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में लड़की से छेड़खानी को लेकर हुए संघर्ष में दो ममेरे और फुफेरे भाइयों सचिन और गौरव सहित कुल तीन लोगों की हत्या के बाद पूरा मुजफ्फरनगर हिंसा की आग में जल उठा था। 7 और 8 सितंबर को नंगला मंदौड़ में हुई पंचायत से वापस लौट रहे लोगों पर हुए हमले के बाद हिंसा ने दंगे का रूप ले लिया था, जिसमें थाना फुगाना सर्वाधिक दंगे से प्रभावित हुआ था। दंगे के दौरान लोगों पर हत्याओं और आगजनी के सैकड़ों मामले दर्ज हुए थे। 60 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 50,000 लोग बेघर हो गए थे।
हाल ही में पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ यूनाइटेड नेशन सिक्युरिटी काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि एलओसी पर भारत दीवार बनाना चाहता है। इस मामले पर गृहमंत्री ने कहा कि यूएनएससी को लिखा गया पाक का ये लेटर हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सईद सलाहुद्दीन के बयान पर आधारित है। सही वक्त पर इसका वाजिब जवाब दिया जाएगा। राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान के लगाए गए किसी भी आरोप को कोई मतलब नहीं होता है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली वापस जाने से पहले राजभवन जाकर राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने गृहमंत्री से मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट साझा की और राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों की भी जानकारी दी।