शादी के सालों बाद रिश्ते में ताजगी बनाए रखने के तरीके

आप दोनों ने जीवन भर घर-परिवार, बच्चों और रिश्तेदारों के लिए बहुत कुछ किया। क्या इस जिंदगी में आपके निजी रिश्ते भी थकने लगे हैं? पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा होता है, जिसमें दोनों मिलकर हर उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए एक साथ आगे बढ़ते हैं। इन अनुभवों के साथ दोनों में एक-दूसरे के प्रति परवाह और आपसी समझ भी बढ़ती है।

एक शादी जब काफी लंबी चलती है तो जोड़ों के बीच एक सही तालमेल भी बन जाता है, लेकिन कई बार यह समझदारी जीवन में बोरियत ला देती है और जीवन का आनंद गायब होने लगता है। जीवन भर घर-परिवार और पति-बच्चों की जिम्मेदारी संभालते-संभालते दोनों के रिश्ते में एक ठहराव आ जाता है। वैवाहिक जोड़े तब अलग हो जाते हैं, जब एक या दोनों पक्ष इन परिवर्तनों के साथ तालमेल बिठाने में असफल हो जाते हैं। ऐसे में अपने विवाह को ताउम्र खूबसूरत और रिश्ते में ताजगी बनाए रखने के लिए बढ़ती उम्र में आप कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें, जिससे वैवाहिक जीवन में प्रेम और आनंद बना रहे।

आदतों में सुधार

क्या आप अक्सर यह सोचती रहती हैं कि पहले चीजें कैसी हुआ करती थीं और अब ये बदल चुकी हैं। ऐसा सोचने के बजाय परिवर्तन को स्वीकार करें और नए तरीके से जीवन का आनंद उनके साथ लें। आपसी बातों में कोई रहस्य न रखें और कोई भी बात सही समय पर और सही तरीके से बताएं। अपने जीवन-साथी से सलाह किए बिना कोई बड़ा निर्णय न लें।

एक धन्यवाद जीवन में खुशियां बिखेर सकता है, इसलिए अच्छी बातों के लिए धन्यवाद जरूर कहें। ऐसी पुरानी आदतें, जिनसे आपका साथी खुशी महसूस करता था, उन्हें दोबारा अपनाएं। आप शुरुआती दिनों के बारे में सोचें और उन आदतों पर विचार करें, जिन्होंने उस समय को इतना खास बना दिया था। मसलन, आप हमेशा एक साथ खाना खाते थे? या अपनी यादों की सबसे सुखद यात्रा के बारे विचार करें। वहां फिर जाने प्लान बनाएं। पुरानी आदतों को अपनाकर आप अपने रूखे जीवन में फिर से बहार ला सकती हैं।

पूरा समय और ध्यान

विवाह को भले ही कितने ही साल बीत गए हों, लेकिन अपने जीवन-साथी को समय और महत्व देना बहुत जरूरी होता है। इससे रिश्ते में मजबूती आती है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियां निभाते हुए महिलाएं जीवन-साथी के साथ समय नहीं गुजार पातीं और रिश्ते में दूरी आ जाती है। इसलिए एक साथ समय गुजारना जरूरी है।

भावनात्मक जुड़ाव

वैवाहिक जीवन में मिठास भरने के लिए अपने जीवन-साथी से भावनात्मक रूप से जुड़ना जरूरी है। अगर कोई पत्नी अपने पति के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं कर पा रही तो इससे रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है और भावनात्मक समस्याएं आने लगती हैं।

खुशनुमा माहौल

भले ही आपके विवाह को तीन या चार दशक बीत गए हों, लेकिन अपने जीवन-साथी के साथ हंसी-मजाक करना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से रिश्ते में रोमांच बना रहता है। कभी-कभी आप पुरानी बातों को याद कर एक-दूसरे की टांग-खिंचाई भी कर सकती हैं। ऐसी नादानियों के बारे में सोचें, जिन पर पहले आप दोनों साथ बैठकर हंसा करते थे। इससे आपको यह याद रहेगा कि आपका साथ कितना पुराना है और आप फिर से उन पुराने सुखद क्षणों को जी पाएंगी।

सेहत का ख्याल

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, सेहत से जुड़ी परेशनियां भी आने लगती हैं। ऐसे में एक-दूसरे की सेहत का जरूर ध्यान रखें। इसके अलावा अगर जीवन-साथी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, नींद से जुड़े विकार या फिर हड्डियों से जुड़े किसी रोग से जूझ रहा है तो उन्हें प्यारा भरा सहारा दें और उनकी मदद करें, साथ ही समय-समय पर उनके साथ अपना भी हेल्थ चेकअप कराती रहें।

तनाव कोसो दूर

उम्र बढ़ने के साथ ही मानसिक तनाव भी सेहत पर हावी होने लगता है। ऐसे में जरूरत है कि आप तनाव वाली बातों पर चर्चा करें और निष्कर्ष निकालें। सुबह-शाम साथ वॉक करने जाएं और खुश रहने की कोशिश करें। अगर आप वर्किंग हैं तो ऑफिस के काम का दबाव वहीं छोड़कर आएं और घर पर केवल पति पर और परिवार वालों पर ध्यान दें। इसके अलावा गली-मोहल्ले की फालतू बातंे करके न खुद तनाव लें और न जीवन-साथी को दें। इससे रिश्तों में तनाव भी नहीं आएगा और आप तनावमुक्त रहकर खुशी से जी भी सकेंगी।

तुलना कभी नहीं

अपने जीवन-साथी की तुलना जीवन के किसी भी पड़ाव पर कभी भी किसी और से नहीं करनी चाहिए। अगर आप ऐसा करती हैं तो आपके जीवन-साथी को बुरा लग सकता है और वह नाराज हो सकता है। उसे ऐसा भी लग सकता है कि आप दूसरे लोगों को बेहतर मानती हैं, जिससे आपके रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है।

थोड़ा समय

अगर किसी वजह से आपका जीवन-साथी गुस्से में या परेशान है तो उसे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दें। ऐसा करने से वह थोड़ा शांत हो पाएगा और हल्का महसूस करेगा। आप उसकी परेशानियों को समझने की कोशिश करें और अधिक सवाल-जवाब न करें, साथ ही पार्टनर की बात भी सुनें और उसके निर्णयों में साथ दें।

मानसिक चोट न पहुंचाएं

पति-पत्नी में मन-मुटाव और लड़ाई-झगड़ा होना आम बात है। ऐसी स्थिति में एक बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि चाहे जितना भी झगड़ा क्यों न हो जाए, लेकिन कभी भी ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए, जिससे उन्हें मानसिक चोट पहुंचे। कभी भी ‘घर छोड़कर जाने’ की बात या ‘शादी तुमसे न हुई होती तो अच्छा होता’ जैसी बात नहीं बोलनी चाहिए। ये बातें विवाद बढ़ती हैं। इसके अलावा ‘आप प्यार नहीं करते’ और बहुत खराब पिता होने की बात कहना जीवन-साथी के मन पर गहरी चोट पहुंचा सकता है। इसलिए जब बात बढ़ती दिखे तो खुद पर काबू रखें और शांत रहें और बाद में आराम से अपने विवाद को सुलझाने का प्रयास करें।

बुराई करने से बचें

परिवार के सदस्यों की बुराई करना और उन्हें नीचा दिखाना आपके वैवाहिक रिश्ते को पूरी तरह प्रभावित कर सकता है। अगर आपके विचार ससुराल पक्ष के लोगों से मेल नहीं खाते हैं तो अपना पक्ष खुलकर अपने जीवन-साथी के सामने रखें और मिलकर इस समस्या का हल निकालने की कोशिश करें।

तोहफे से बनेगी बात

जीवन-साथी को खास मौके पर तोहफा जरूर दें। ऐसा करने से वह स्पेशल महसूस करेंगे और आपस में खुशियां बढ़ेंगी। दांपत्य जीवन में गंभीरता के साथ-साथ मनोरंजन भी जरूरी है, इसलिए अपने जीवन-साथी के साथ बाहर डिनर या लंच पर जाना भी न भूलें।

रिश्ते में आपसी जुड़ाव हो मजबूत

फैमिली रिलेशनशिप काउंसलर शोभना बताती हैं, वैवाहिक जीवन को लंबे समय तक खुशहाल और आनंदमय बनाने के लिए प्यार, विश्वास और आपसी समझ बड़ी भूमिका निभाते हैं। हालांकि विवाह के बाद सिर्फ यही बातें काम नहीं आतीं, बल्कि कई छोटी-छोटी चीजों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। कभी प्यार तो कभी तकरार होना वैवाहिक जीवन में आम बात होती है, लेकिन हर दिन ऐसा होने पर आपको सतर्क होने की जरूरत है। पति-पत्नी के बीच सही तालमेल होना भी बहुत जरूरी होता है।

रिश्ते में जुड़ाव इतना मजबूत होना चाहिए कि दोनों को एक-दूसरे का ख्याल रखना, क्वालिटी टाइम देना, सुख-सुविधा आदि के बारे में पता होना चाहिए। आपसी तालमेल बिठाने का यह सबसे अच्छा तरीका है। इसलिए आपको अपने पार्टनर की बातों को अच्छी तरह सुनना और समझना चाहिए। दोनों मिलकर कोशिश करें और अपने रिश्ते को बेहतर बनाएं। दांपत्य जीवन में ईर्ष्या और द्वेष कुछ गलत आदतों के चलते जगह बना लेते हैं, जिनकी वजह से रिश्ता दरकने लगता है और रिश्ते से प्रेम गायब होने लगता है।

Back to top button