जिस घर में बेटियों पर होती हैं ये 3 पाबंदियां वहां कभी नहीं आती हैं लक्ष्मी

दोस्तों ऐसा कहा जाता हैं कि घर की बेटी लक्ष्मी समान होती हैं. जब बात माता पिता की सेवा की आती हैं तो बेटियां बेटों से भी ज्यादा एक्टिव होती हैं. लेकिन इसके बाद भी आज कई घरो में जब बेटी होती हैं तो उतनी खुशियाँ नहीं मनाई जाती हैं जितनी कि बेटा होने पर मनाई जाती हैं. शायद यही वजह हैं कि जब बेटियों की पढ़ाई लिखाई और समान अधिकारों की बात आती हैं तो माता पिता मुंह सिकुड़ने लगते हैं. आज भी कई लोगो की सोच हैं कि बेटियों को ज्यादा पढ़ा लिखा के क्या करना हैं? लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आज के ज़माने में बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं.

यदि आप बाहरी दुनियां तो टटोल के देखोगे तो पाओगे कि कई सारी लड़कियां ऐसी हैं जो लगभग हर क्षेत्र में लड़को से भी अधिक ऊँचाइयों पर हैं. आज के ज़माने की छोड़ दीजिए. जरा हमारे धर्म को ही देख लीजिए. दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती ये सभी स्त्रियाँ होने के बावजूद काफी तेज़स्वी और शक्तिशाली हैं. आज भी लोग इनके सामने अपना सर झुका के प्रार्थना करते हैं. ऐसे में जिस घर में बेटियों को कम समझा जाता हैं या उनके साथ भेदभाव किया जाता हैं वहां लक्ष्मी जी कभी आना पसंद नहीं करती हैं.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको बताएंगे कि घर में बेटियों के ऊपर कौन कौन सी पाबंदियां लगाने से लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करती हैं.

घर की बेटियों पर ना लगाए ये पाबंदियां, रूठ जाएगी लक्ष्मी

1. पढाई लिखाई में रुकावट: जिस घर में बेटियों को पढ़ाने पर जोर नहीं दिया जाता हैं वहां लक्ष्मी आना पसंद नहीं करती हैं. जरा आप ही सोचिए. यदि आपको बेटी पढ़ लिख जाएगी तो उसके ज्ञान में विकास होगा जिसका फायदा आपको भी घर में अलग अलग कामो में मिल सकता हैं. इसलिए बेटी को भी बेटो की तरह खूब पढ़ाना लिखाना चाहिए.

2. नौकरी ना करने देना: कुछ घरो में परंपरा का हवाला देते हुए घर की बेटियों को काम करने बाहर नहीं भेजा जाता हैं. लेकिन बेटो की तरह बेटियों को भी नौकरी करने का और सफलता हासिल करने का पूरा अधिकार होता हैं. बेटी के नौकरी करने से आपका भी फायदा होता हैं. बेटी पैसा कमाती हैं तो घर में लक्ष्मी आती हैं. साथ ही ऐसा कहा जाता हैं कि बेटी का कमाया पैसा बेटो की तुलना में काफी शुभ होता हैं. इससे घर की संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती हैं.

3. प्यार में भेदभाव: कई घरो में देखा जाता हैं कि माता पिता अपने बेटे को अधिक प्यार करते हैं. उसके लिए नई नई चीजें भी खरीद कर लाते हैं. लेकिन जब बेटी की बात आती हैं तो उनका ये प्यार बेहद कम हो जाता हैं. बेटे की फरमाइश पूरा करने के लिए माँ बाप एक पाँव पर ही बैठे रहते हैं लेकिन जब यही फरमाइश बेटी करती हैं तो वे बात को टालने लग जाते हैं. यहाँ तक कि जब संपत्ति के बंटवारे की बात आती हैं तब भी बेटी को अलग सलग कर दिया जाता हैं. जिस घरो में ऐसा माहोल रहता हैं वहां लक्ष्मी मुंह दिखाना भी पसंद नहीं करती हैं.

यदि आपके घर में भी बेटियों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता हैं तो इसे तुरंत बदल ले. साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी बेटी के प्रति अपने व्यवहार को सुधार सके.

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