पंजाब में गली के कुत्तों का आतंक, पढ़े पूरी खबर
पंजाब में आए दिन आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। सोसाइटी, पार्क, सड़क व गलियों में आवार कुत्ते लोगों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर रहे हैं।अधिकतर बच्चे ही आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। हालांकि सरकार की तरफ से इस आतंक को खत्म करने के लिए कई प्रोजैक्ट चलाने के दावे भी किए जा रहे हैं लेकिन सरकारी आकंड़ों के अनुसार पंजाब में औसतन हर घंटे में 23 लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में पंजाब भर में कुत्तों ने 2 लाख 2 हजार 439 लोगों को काटा जबकि साल 2024 में 3 महीनों में यह आकंड़ा 60 हजार को पार चुक है। ये आकंड़े सरकारी हैं, जबकि वास्तव में इससे कहीं अधिक लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं। ऐसे मामलों में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। साल 2019 में ये आकंडे 1 लाख 34 हजार थे। अधिकतर लोग प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच कर अपना इलाज करवा लेते हैं। सूत्रों के अनुसार अगर प्राइवेट अस्पतलों का आंकडा देखा जाए तो वह इससे कहीं अधिक हो सकता है। आवारा कुत्तों के अलावा कई बार पालतू कुत्ते द्वारा भी अपने मालिक या उनके घर आने वाले मेहमानों को काटने के मामले भी सामने आए हैं।
लुधियाना नंबर वन, पटियाला दूसरे व जालंधर तीसरे स्थान पर
कुत्तों के काटने के सबसे अधिक मामले में लुधियाना में 24,192 सामने आए हैं, पटियाला में 17,966 व जालंधर में 15,806 मामले सामने आए हैं। आस पडोस में पालने वाले कुत्तों का शिकार होने पर इस संबंध में पुलिस में भी शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं । हालाकि इस हादसों को देखते हुए माननीय हाईकोर्ट की तरफ से सरकार को कई तरह के निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार पंजाब में 6 लाख से अधिक लावारिस कुत्ते हैं जब कि पालतू कुत्तों की गिनती अलग है ।
पंजाब में 214 एंटी-रैबीज क्लीनिक
कुत्तों के बढ़ रहे आतंक के कारण पंजाब सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं। स्टेट रैबीज कंट्रोल की तरफ से भी इस संबंध में कई प्रोजैक्ट चालू कर आवारा कुत्तों की संख्या को बढ़ने से रोकने को लेकर काम किया जा रहा है । सरकार द्वारा पंजाब में 214 एंटी-रैबीज क्लीनिक स्थापित किए गए है,जहां पर एंटी-रैबीज वैक्सीन दी जाती है और गंभीर केसों में एंटी-रैबीज सेकरम भी दी जाती है। सिविल अस्पतालों में फ्री इलाज किया जाता है। अकेले लुधियाना में पिछले महीने 2807 मामले सामने आए हैं। लुधियाना में सिविल अस्पताल के अलावा अन्य 16 स्थानों पर इसके लिए प्रबंध किए गए हैं।
3 कैटेगरी में होता है इलाज
कुत्तों के काटने को लेकर डाक्टरों की तरफ से 3 कैटेगरी में इलाज होता है। पहले अगर कुत्ता चाटता है तो उसमें सिर्फ वैक्सीन दी जाती है, दूसरी कैटेगरी में अगर कुत्ता काटता है तो उसमें टीके लगा कर इलाज किया जाता है और तीसरी कैटेगरी में काटने से खून बहने पर वैक्सीन व एंटी-रैबीज दवाइयों से इलाज किया जाता है। लुधियाना के सिविल अस्पताल में हर रोज इस तरह के 50 के करीब मरीज आते हैं। रैबीज के लक्षण दिखाई देने पर उचित इलाज करवाना चाहिए, इससे पीड़ित की मौत भी हो सकती है ।
स्पीडोमीनिया के कारण वाहनों के पीछे भागते हैं कुत्ते जिससे होते हैं सड़क हादसे
खालसा वैटर्नरी कालेज के प्रिंसीपल डा. हरीश वर्मा के अनुसार कुत्तों में स्पीडोमीनिया भी एक कारण है जिसके चलते वह तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों के पीछे भागते हैं। इस दौरान दोपहिया वाहन सड़क हादसों का शिकार भी हो जाते हैं और कई बार कुत्ते उन्हें काटते है। जब कि इलाके की बाऊंड्री भी एक कारण है। वह अपने इलाके को लेकर आक्रामक रहते हैं । अगर कुत्ते को किसी से खतरा महसूस होता है या वह किसी की ड्रैस देख कर गुस्से में आता है। अगर कोई उससे छेड़छाड़ करता है या फिर कूड़ा बीनने वालों से आवारा कुत्तों को किसी तरह की गंध आती है और वे उनसे खतरा महसूस करते हैं। बच्चे देने के बाद कुतिया अपने बच्चों को बचाने के लिए अटैक करती है। विशेषज्ञों के अनुसार कुत्तों के साथ फ्रैंडली बर्ताव करें और उन्हें परेशान न करे और न ही उसके आगे भागें।
साल 2023 में पंजाब के अलग-अलग जिलों के आंकड़े
लुधियाना-24,192
पटियाला-17,966
जालंधर-15,866
एसएएस नगर-15,744
होशियारपुर-13,239
अमृतसर-12,792
बंठिडा-10,080
बरनाला-4851
फिरोजपुर-4551
फाजिल्का-5590
फरीदकोट-4291
फतेहगढ़ साहिब-5457
गुरदासपुर-9634
कपूरथला-8523
मानसा-5417
मोगा-8293
मलेरकोटला-4804
पठानकोट 2772
रोपड़ 5306
श्री मुक्तसर साहिब-6194
एस.बी.एस. नगर-5065
संगरूर-8213
तरनतारन-3599