साइंटिस्ट्स ने बदले जीन, जब किया नई गाय के दूध का अध्ययन, नतीजों ने चौंकाया!

कई बार वैज्ञानिक आविष्कार और खोज भी कुछ अजीब ही तरह से निकल कर सामने आते हैं. अब क्या आपने कभी सुना है कि डायबिटीज के मरीजों के इंसुलिन की कमी गाय के दूध से पूरी हो सकती है. जी नहीं, वैज्ञानिकों ने गाय के दूध का कोई अनोखा फायदा नहीं खोजा है, बल्कि उन्होंने गाय को अनुवांशिकीय तौर पर ऐसा विकसित किया और उसके दूध के विश्लेषण में पाया कि इस दूध से मानवीय इंसूलिन बनाने वाले पदार्थ निकाल कर मरीजों में इंसुलिन की कमी को पूरा कर उसका इलाज में मदद मिल सकती है.

यह चमत्कारिक खोज ब्राजील के शोधकर्ताओं ने की है जहां उन्होंने इस खास गाय के दूध के मानवीय इंसुलिन और उसे बनाने वाले प्रोइंसुलिन हासिल करने में सफलता पाई है, जबकि वे केवल जेनेटिकली मॉडिफाइड गाय को ही पैदा कर रहे थे. इस अध्ययन के नतीजे बायोटेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.

वैज्ञानिकों ने दो सोमेटिक कोशिकाओं के केंद्रक को स्थानांतरित कर खास तरह के भ्रूण बनाए जिन्हें उन्होंने दो गायों के गर्भ में डाला, इससे केवल एक ही ट्रांसजेनेटिक गाय पैदा हो सकी. फिर भी इसके नतीजे बहुत ही शानदार और अप्रत्याशित रहे. जब शोधकर्ताओं ने इस नई गाय के दूध का विश्लेषण किया तो उन्हें इसमें इंसुलिन और प्रोइंसुलिन दोनों की मौजूदगी मिली.

इसे उन्हें इंसुलिन उत्पादन की नई पद्धति की संभावना मिली. इस सफलता के बावजूद होस्टन के मोमोरिया हरमैन के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ स्प्लेंसर जैसे विशेषज्ञों ने इसकी सीमाओं पर ध्यान देने को कहा है. उन्होंने ट्रांसजेनिक गायों में दूध बनाने के लिए होरमोनल स्टिम्यूलेशन के उपयोग को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं.

इस रिसर्च मं शोधकर्ताओं को गायों को दूध देने के लिए हारमोन दे कर स्टीम्यूटेलट करना पड़ा. जिससे दूध में कुछ मात्रा में इंसुलिन बना. इस अध्ययन के शोधकर्ता इंसुलिन और प्रोइंसुलिन की मौजूदगी को तो गाय के दूध में देख सके, लेकिन वे यह साबित नहीं कर सके कि इंसुलिन वास्तव में गाय में प्राकृतिक तरीके से बना था या फिर कृत्रिमता की वजह से ऐसा हुआ था.

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