ऐसे देखें इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन, आकाश में चमकता हुआ आता है नजर!

अंतर‍िक्ष के बारे में कुछ भी जानना हो, तो साइंटिस्‍ट इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन जाते हैं. बीते 25 साल से यहीं से वे दुनिया को स्‍पेस के बारे में बताते हैं. तब से यह आकाश में चमकने वाली तीसरी सबसे चमकीली वस्‍तु रहा है. अमेर‍िकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा और कई देशों के अंतर‍िक्ष यात्री इसमें सवार होकर रोजाना धरती की पर‍िक्रमा करते रहते हैं. आप जानकर हैरान होंगे क‍ि इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन लगभग हर 90 मिनट में पृथ्‍वी का एक चक्‍कर लगा लेता है. इतना ही नहीं, यहां हर द‍िन 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्‍त नजर आता है. लेकिन क्‍या हम इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन को धरती से देख सकते हैं? नासा ने इसका तरीका बताया है.

नासा के मुताबिक, इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन को सूर्य द्वारा परावर्तित प्रकाश के रूप में देखा जा सकता है. यानी ऐसे वक्‍त जब सूर्य का प्रकाश स्‍पेस स्‍टेशन से टकराकर हमारी आंखों तक आए. ऐसा सिर्फ शाम या भोर में सुबह हो सकता है. अंतर‍िक्ष स्‍टेशन को देखने के ल‍िए आपको सबसे अंधेरी जगह जानी होगी. यह तभी दिखेगा, जब यह आपके ऊपर उड़ रहा हो. नासा के मुताबिक, महीने में एक या दो बार ही ऐसा मौका आएगा जब आप इसे देख और पहचान पाएंगे.

इसका पीछा कर सकते हैं
लेकिन एक तरीका है, जिसके जर‍िये आप इसे स्‍पॉट कर सकते हैं. इसका पीछा कर सकते हैं. नासा ने स्‍पेस स्‍टेशन को ट्रैक करने के ल‍िए एक वेबसाइट और ऐप बनाया है. उसमें आप इसे ट्रैक कर सकते हैं और जब भी यह आपके ऊपर से गुजर रहा हो, तो आप इसे आसानी से देख पाएंगे. आप चाहें तो लोकेशन के ह‍िसाब से ईमेल और टेक्‍स्‍ट अलर्ट के लिए साइनअप भी कर सकते हैं. जैसे ही इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन आपके ऊपर से गुजरेगा, आपको मैसेज आ जाएगा. आपको पता चलता रहेगा क‍ि आईएसएस जल्द ही आपके ऊपर कब उड़ान भरेगा.

‘नासा स्पॉट द स्टेशन’ वेबसाइट से जुड़ें
‘नासा स्पॉट द स्टेशन’ वेबसाइट से जुड़कर आप इसे देख सकते हैं. हर दिन सूर्योदय या सूर्यास्‍त के कुछ घंटों पहले या बाद में यह नजारा दिखता है. इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर अब तक 270 से अधिक अंतर‍िक्ष यात्री जा चुके हैं. वर्ष 2000 से तो यह ऐसी जगह बन गई है, जहां एस्‍ट्रोनॉट पूरे के पूरे साल इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर रहने लगे हैं. हालांकि, नासा ने 2030 में अंतरिक्ष स्टेशन को रिटायर करने की योजना बनाई है. फुटबॉल के मैदान की लंबाई वाला यह यान समुद्र के ऊपर जैसे ही धरती के वायुमंडल में आएगा, जलकर खाक हो जाएगा.

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