कैथल: असला जमा न करने वाले धारकों पर होगी कार्रवाई

लोकसभा चुनाव की वोटिंग में कुछ दिन बचे हैं। अब तक भी जिले के 1500 से अधिक लोगों ने अपने हथियार थानों में जमा नहीं करवाए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि चुनाव में कोई दंगा हुआ तो उससे प्रशासन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बार-बार एडवाइजरी जारी करने के बाद भी लोग हथियार जमा करवाने में रुचि नहीं दिखा रहे। जिला प्रशासन भी इन पर कार्रवाई करने के मूड में है। इसको लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी प्रशांत पंवार ने एस.पी से अब तक हथियार जमा न करवाने वाले लोगों की बाय नेम लिस्ट मांगी है। लिस्ट मिलने उपरांत सभी को शस्त्र अधिनियम के तहत 15 दिन का नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। यदि अधिकारी जवाब से संतुष्ट नहीं होते तो इस सूरत में लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

हैरानी की बात यह है कि असला धारक प्रशासन के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे। क्योंकि 7 मई को डी.सी ने निर्देश जारी करते हुए सभी धारकों को दो दिन के अंदर असलहा जमा करवाने बारे बोला था, लेकिन इसके बाद भी आज 1500 के करीब अपने हथियार घरों में रखे बैठे है। जिनको संबंधित थाने व लाइसेंस सुधा दुकानों में जमा नहीं करवाया गया। इसलिए डीसी ने इन सब पर अब कार्रवाई करने के लिए अब एस.पी से सभी की बाय नेम लिस्ट मांगी है।

पुलिसकर्मियों के मुकाबले 10 गुना लाइसेंसी धारी
जिले में लाइसेंसी असला धारकों की बात की जाए तो इनकी संख्या जिले में कुल पुलिसकर्मियों की संख्या से लगभग दस गुना ज्यादा है। जिला पुलिस में वैसे तो 1190 पुलिसकर्मी हैं जिनमें से लगभग 500 कर्मी के आसपास स्टेट क्राइम, विजिलेंस, सी.आई.डी, गनमैन व डेपुटेशन पर हैं। इस समय लगभग 750 के करीब पुलिसकर्मी जिले की कानून व्यवस्था को संभाले हुए हैं। जबकि लाइसेंसी शस्त्र धारकों की संख्या के 7123 आसपास है।

अब तक हथियारों का विवरण
जिले में कुल लाइसेंस: 7123
अब तक जमा हुए लाइसेंस: 5600
जमा नहीं करवाए गए: 1523
छूट के लिए अनुमति मांगी: 70
अब तक दी गई छूट: 23

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