भारत में एक ही क्यों है ब्रह्मा जी का मंदिर,जानिए रोचक कहानी

हिन्दू धर्म सनातन धर्म मन जाता है यह धर्म सभी धर्म का आदर करता है इस धर्म में सभी भगवान का पूजा जाता है आपको इस धरती सभी भगवान के मंदिर मिल जाएँगे लेकिन क्या अपने कभी सोचा है आखिर क्यों ब्रहमाजी का मदिर क्यों नही है भारत में सिर्फ उनका एक मात्र मंदिर जो राजिस्थान के पुष्कर में है और आपको किसी भी स्थान पर नही मिलेगा इसके पीछे एक बहुत रोचक कथा है लेकिन आपने भी यह कभी नही सोचा होगा की आखिर क्यों उनको इस धरती पर पूजा नही जाता है आये जानते आखिर ऐसा क्यों है.

पोराणिक कथा के अनुसार व्रजनामक असुर ने बहुत उत्पात मचा रखा था उसके अत्यचार से तंग आ कर ब्रह्मा जी ने उसका वध कर दिया वध करते समय उनके हाथ से तिन कमल गिर गए और जहा वह तिन कमल गिरे वहा पर झील बन गयी इस घटना के बाद राजिस्थान की इस जगह का नाम पुष्कर पड़ा.

ब्रह्मा जी ने सबके बलाई के लिए एक यग्य किया लेकिन यग्य करने के लिए पत्नी का होना बहुत जरुरी था लेकिन ब्रह्मा जी की पत्नी सावत्री समय पर नही पुच सकी तो ब्रह्मा जी ने गुर्जर समाज की कन्या से शादी कर ली और फिर सावत्री जी आ गयी ब्रह्मा जी के पास लड़की को बेठा देख क्रोदित हो गयी और ब्रम्हा जी को श्राप दे दिया देवता होने बावजूद उनकी कभी पूजा नही होगी.

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सब देवता के मनाने के बाद भी सावत्री जी नही मानी लेकिन जब उनका गुस्सा ठंडा हो गया तब उन्हें कहा की केवल आपकी पुष्कर में पूजा की जा सकती है अगर किसी दुसरे स्थान पर पूजा की गयी तो उसका विनाश हो जाएगा इस लिए ब्रह्मा जी पुष्कर के अलवा किसी भी स्थान पर उनको पूजा नही जा सकता है पुरे भारत में राजिस्थान के पुष्कर में ही ब्रम्हा जी का मंदिर है .   

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