भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोगबे आ रहे हैं भारत यात्रा पर

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पीएम तोगबे के इस दौरे में दोनों देशों को अपने ऐतिहासिक व करीबी रिश्तों की समीक्षा करने और आने वाले वर्षों की गतिविधियों को तय करने का अवसर देगा। तोगबे पीएम मोदी के साथ शीर्षस्तरीय वार्ता करेंगे। अब भूटान के पीएम शेरिंग तोगबे 14 से 18 मार्च 2024 के दौरान भारत की पांच दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं।

एक तरफ जहां भूटान और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर संवाद बढ़ रहा है वहीं भारत और भूटान के बीच लगातार विमर्श हो रहा है। कुछ दिन पहले ही विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भूटान की यात्रा की थी और अब भूटान के पीएम शेरिंग तोगबे 14 से 18 मार्च, 2024 के दौरान भारत की पांच दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं।

खबर यह भी है कि पीएम नरेन्द्र मोदी की भूटान यात्रा को लेकर भी दोनो देशों के बीच विमर्श चल रहा है। वैसे भारत में जल्द ही आम चुनाव की घोषणा होने वाली है, ऐसे में पीएम मोदी की भावी भूटान यात्रा का समय भी चुनाव घोषणा पर निर्भर करेगा। उधर, भूटान के पीएम की भारत यात्रा के ठीक पहले बुधवार (13 मार्च, 2024) को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भूटान को सहयोग देने को लेकर तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें एक समझौता दोनो देशों के बीच ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा क्षमता बढ़ाने को लेकर है जबिक एक समझौता भूटान को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति देने को लेकर है।

तोगबे पीएम मोदी के साथ करेंगे उच्चस्तरीय वार्ता 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पीएम तोगबे के इस दौरे में दोनों देशों को अपने ऐतिहासिक व करीबी रिश्तों की समीक्षा करने और आने वाले वर्षों की गतिविधियों को तय करने का अवसर देगा। तोगबे पीएम मोदी के साथ शीर्षस्तरीय वार्ता करेंगे। उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी अलग से बात होगी। तोगबे के साथ एक उच्चस्तरीय दल भी भारत आ रहा है जिसमें भूटान के विदेश मंत्री, वाणिज्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री शामिल होंगे। पीएम तोगबे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी अलग से मुलाकात करेंगे। भूटान में जनवरी, 2024 में चुनाव हुआ था जिसमें तोगबे की पार्टी फिर से सत्ता में वापस लौटी थी। उसके बाद क्वात्रा ने भूटान की यात्रा की थी।

चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने का किया समझौता 

सनद रहे कि तोगबे की सरकार ने पिछले कार्यकाल में चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने का समझौता किया है। पांच महीने पहले भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोर्जी की मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हुई थी। दोनों मंत्रियों की मुलाकात के बाद जारी बयान में भूटान ने कहा था कि वह चीन के साथ अपने सीमा विवाद को शीघ्रता से सुलझाना चाहता है।

समझौता भारत के हितों को कर सकता है प्रभावित 

भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर चल रहे विवाद पर भारत पैनी नजर रखे हुए है। इन दोनों देशों के बीच किये जाने वाले समझौते का भारत की रणनीतिक हितों पर सीधा असर होने के आसार हैं। खास तौर पर भारत-भूटान-चीन की सीमा पर स्थित डोकलाम की स्थिति को लेकर भूटान और चीन के बीच होने वाले समझौता भारत के हितों को प्रभावित कर सकता है।

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