नेपाल दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने किया जनकपुर-अयोध्या बस सेवा शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेपाल दौरे के पहले दिन शुक्रवार को जनकपुर-अयोध्या बस सेवा का शुभारंभ किया. उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी शर्मा ओली के साथ मिलकर संयुक्त रूप से इस बस सेवा को हरी झंडी दिखाई.

ये बस नेपाल के जनकपुर और यूपी के अयोध्या के बीच चलेगी, जिसे रामायण सर्किट प्रोजेक्ट की अहम कड़ी माना जा रहा है. मगर, हैरानी की बात ये है कि अयोध्या में कोई बस स्टैंड ही नहीं है. सालों पहले अयोध्या के बस स्टैंड को बिरला मंदिर के सामने से हटा दिया गया था और उसकी जगह नया घाट बनाया गया. लंबा समय बीत जाने के बाद भी राम नगरी को बस अड्डा नसीब नहीं हो सका है.

सड़क पर ही रुकती हैं बस

भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या को यूपी की सबसे बड़ी धर्मनगरी मानी जाता है और पूरे देश में इसका विशेष महत्व है. जबकि जनकपुर भगवान राम की पत्नी देवी सीता के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है. जानकी मंदिर का निर्माण 1910 में सीता की स्मृति में बनाया गया था.

अयोध्या और नेपाल की धार्मिक नगरी जनकपुर के बीच यातायात सुगम बनाने के लिए बस सेवा शुरू की गई. लेकिन हैरानी की बात ये है कि अयोध्या में जो बसें आती हैं, वो सड़कों पर ही रुकती हैं, क्योंकि यहां कोई बस स्टैंड ही नहीं है. ऐसे में सवाल ये भी है कि जनकपुर से जो बस आएगी, वो कहां रुकेगी?

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जनकपुर-अयोध्या के बीच मैत्री बस सेवा शुरू करने करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जनकपुर का नाता अटूट है. उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं, जो माता जानकी के चरणों में आने का मौका मिला है. उन्होंने इस बस सेवा का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘जनकपुर और अयोध्या जोड़े जा रहे हैं. यह बस सेवा नेपाल और भारत में तीर्थाटन को बढ़ावा देने से संबंधित रामायण सर्किट का हिस्सा है.’

रामायण सर्किट में 15 स्थल

बता दें कि भारत सरकार ने रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों- अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्यप्रदेश), महेंद्रगिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्रचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया है.

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