जयपुर: होटल से भाजपा विधायकों की वापसी में तन गईं बंदूकें

राजस्थान में नए सीएम के चेहरे को लेकर सियासत में मारकाट मच गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीकर रोड स्थित कांग्रेस नेता के होटल में जो पांच विधायक पहुंचे थे। उन्हें भाजपा कार्यालय ले जाने के लिए पार्टी संगठन के एक प्रदेश मंत्री भी पहुंचे थे। विधायक ललित मीणा सहित पांच विधायक इस होटल में थे। इनमें 2 बारां और 2 झालावाड़ के थे।

विधायक के पिता ने दी सूचना
ललित मीणा के पिता ने जब इसकी सूचना बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को दी तो प्रदेश कार्यालय से एक टीम मौके पर गई, जिसमें पार्टी के एक प्रदेश मंत्री भी थे। बताया जा रहा है कि विधायकों को वापस ले जाने के लिए जब पार्टी पदाधिकारी कोशिश कर रहे थे तो वहां उनकी सुरक्षा में तैनात लोगों ने गन तक निकाल लीं। हालांकि मामला उतना बढ़ा नहीं और सभी विधायकों को वापस जयपुर में पार्टी कार्यालय लाया गया।

जयपुर से बाहर ले जाने की योजना
सूत्रों के मुताबिक होटल में डग, मनोहर थाना, छबड़ा, किशनगंज, बारां से विधायकों को बुलाया गया था। इसके बाद इन्हें जयपुर से बाहर ले जाने की योजना थी, लेकिन बड़ी बात यह है कि जिस तरह से कांग्रेस के पदाधिकारी के होटल में इन विधायकों को बुलाया गया क्या इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि अब जुलाई 2020 वाली कहानी बदले हुए किरदारों के साथ दोहराई जाने की कोशिश हो रही है।

जुलाई-2020 में गहलोत ने की थी सरकार बचाने के लिए बाड़ेबंदी
तीन साल पहले जुलाई-2020 में सचिन पायलट ने बगावत की तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी सरकार बचाने के लिए दिल्ली रोड स्थित फेयरमाउंड होटल में बाड़ेबंदी करनी पड़ी थी। फेयरमाउंट के बाद विधायकों को जयपुर से निकालकर जैसलमेर स्थित किले नुमा पांचसितारा होटल में ले जाया गया था। ये बाड़ेबंदी कुल 37 दिन तक चली थी।

ये है मामला
राजस्थान में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा अभी स्पष्ट नहीं है। आलाकमान ने अब तक कोई संकेत नहीं दिए हैं। इसके चलते विधायकों की बाड़ेबंदी की आशंकाएं हैं। मंगलवार रात को भाजपा के पांच से अधिक विधायक एक कांग्रेस नेता के होटल में चले गए थे। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने जोर-जबरदस्ती कर उन्हें वापस बुलाया। इस दौरान हाथापाई होने की नौबत आ गई थी। इससे पहले नतीजे आने से तीन दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने निर्दलीय प्रत्याशियों को फोन लगाने शुरू कर दिए थे। नतीजे आने के अगले ही दिन करीब 45 विधायकों को अपने घर दावत पर बुला लिया था। दो दिन तक लगातार विधायकों से मेल-जोल बढ़ाया तो इसे उनका शक्ति प्रदर्शन माना गया। हालांकि, उन्होंने मीडिया से कहा कि वह पार्टी की एक अनुशासित सिपाही हैं। मेल-मुलाकात का दौर विधायकों के साथ था।  

भाजपा के शीर्ष नेता हैं सतर्क
ऐसा ही एक मामला बुधवार को भी सामने आया। सुगबुगाहट है कि दिल्ली रोड स्थित एक होटल पर कुछ विधायक पहुंच गए थे। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन राजस्थान की सियासत की गहमागहमी को देखते हुए हर कोई सतर्क है। 

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