हाईकोर्ट का अहम आदेश, 88 साल की उम्र में बुजुर्ग महिला को मिलेगी पक्की नौकरी

पिछले 41 साल से चतुर्थ श्रेणी कर्मी के तौर पर सेवा दे रही 88 वर्षीय महिला की सेवाओं को नियमित किए जाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट के आदेश इसलिए अहम हैं क्योंकि जिस उम्र में महिला की सेवाओं को नियमित किया जा रहा है उससे कहीं पहले वह रिटायरमेंट की आयु पार कर चुकी हैं।हाईकोर्ट का अहम आदेश, 88 साल की उम्र में बुजुर्ग महिला को मिलेगी पक्की नौकरी
याचिका दाखिल करते हुए महिला ने सेवाओं को नियमित किए जाने की मांग की थी। महिला की ओर से एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाईकोर्ट को बताया कि महिला का जन्म 1 जनवरी 1930 को हुआ था। इसके बाद 1 अक्तूबर 1977 को उन्होंने संगरूर के एक स्कूल में कुहार के तौर पर सेवाएं देना आरंभ किया था। उनकी सेवाएं तब से लगातार जारी हैं और अभी भी वह नौकरी कर रही हैं। 

इसके बाद नियुक्त हुए कई लोगों को रेगुलर किया जा चुका है लेकिन याची को रेगुलर नहीं किया गया। याची ने पंजाब सरकार की 2010 की पॉलिसी के तहत रेगुलर किए जाने की अपील की है। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है यही कारण है कि इस उम्र में भी वह नौकरी कर रही है। 

वह अपनी सेवाएं नियमित तौर पर देती आ रही हैं और उनका रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है। स्कूल में इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति की जरूरत भी है। ऐसे में हालात को देखते हुए हाईकोर्ट ने तीन माह के भीतर महिला को रेगुलर करने के आदेश जारी किए हैं। 

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