टीजीटी भर्ती में सामाजिक-आर्थिक आधार पर अंक देने पर हाईकोर्ट की रोक

हरियाणा में टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स) के 7471 पदों की भर्ती में सामाजिक व आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले अतिरिक्त अंकों पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिका दाखिल करते हुए अरुणा कुमारी व अन्य ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन के तहत सरकार ने पांच अतिरिक्त अंक देना तय किया है, जबकि विभिन्न जातियों को आरक्षण के लाभ का पहले से प्रावधान है। उन्होंने बताया कि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने का कोई प्रावधान नहीं है। साथ ही इन अंकों का लाभ देने के लिए यह शर्त लगाई गई है कि परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए जबकि इस प्रकार की शर्त नहीं लगाई जा सकती। इन अंकों का लाभ केवल हरियाणा के डोमिसाइल वालों तक सीमित रखा गया है, जबकि इस आधार पर आरक्षण का लाभ सीमित करना संविधान के अनुसार सही नहीं है।

याची ने कहा कि अर्पित गहलावत मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट 19 जनवरी 2023 को इन अंकों का लाभ देने पर रोक लगा चुका है। ऐसे में अब इस मामले में भी रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अब सामाजिक व आर्थिक आधार पर अंकों का लाभ देने पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई अर्पित गहलावत मामले के साथ ही करने का निर्णय लिया है।

भरे जाने है कुल 7471 पद

हरियाणा में सरकार ने टीजीटी के 7471 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके अनुसार अंग्रेजी के 1751, गृह विज्ञान के 73, संगीत के 10, शारीरिक शिक्षा के 821, कला के 1443, संस्कृत के 714, विज्ञान के 1297 और उर्दू के 21 पदों को भरा जाना है।

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