CM योगी का बड़ा बयान, कहा- दीपोत्सव पर अच्छी खबर लेकर जाएंगे अयोध्या, वहां मंदिर था, है और रहेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि वह इस दीपावली पर राम मंदिर मामले पर अच्छी खबर लेकर अयोध्या जाएंगे। उनका कहना है कि राम मंदिर का मुद्दा सैकड़ों साल से चल रहा है। एक तारीख बढ़ने से संतों को धैर्य नहीं खोना चाहिए। वह संतों से इस बारे में बातचीत करेंगे।CM योगी का बड़ा बयान, कहा- दीपोत्सव पर अच्छी खबर लेकर जाएंगे अयोध्या, वहां मंदिर था, है और रहेगा

योगी ने कहा, वहां मंदिर था, है और रहेगा। हम चाहते हैं कि सर्वसम्मति से इसका हल निकले, अन्यथा और भी विकल्प हैं।

योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राम मंदिर देश व दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मुद्दा है। साथ ही यह देश, खासकर उत्तर प्रदेश के शांति, सौहार्द, विकास और कानून-व्यवस्था से जुड़ा मसला भी है। जैसा कि उन्होंने पिछले साल कहा था, वह अच्छी खबर लेकर ही अयोध्या जाएंगे।

योगी ने कहा कि देश की न्यायपालिका स्वतंत्र है। यहां न्यायपालिका 125 करोड़  जनता के  भरोसे का प्रतीक है। हमें न्यायालय पर विश्वास करना चाहिए। जो होगा, अच्छा होगा। मामला अच्छी दिशा में जाएगा। इतना जरूर कहेंगे कि न्याय सरल हो, समय पर हो और सस्ता हो। लोग थक-हार कर न्याय के लिए वहां जाते हैं, उनकी उम्मीद पूरी होनी चाहिए।

‘शांति और सौहार्द के लिए राम मंदिर मामले का पटाक्षेप होना चाहिए’

अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक टाले जाने के सवाल पर योगी ने कहा कि वह न तो सफलता से अति उत्साहित होते हैं और न किसी एक घटना की असफलता से हतोत्साहित होते हैं। लेकिन देश में शांति और सौहार्द के लिए राम मंदिर मामले का पटाक्षेप होना ही चाहिए। संसद से कानून बनाकर मंदिर बनाने के सवाल पर बोले, जब तक मामला न्यायालय में है, हमें धैर्य रखना चाहिए। अभी देख रहे हैं। देखते रहिए। इंतजार करते रहिए।

अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन अधिग्रहण करे केंद्र
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण की वकालत की है। संघ ने कहा कि जिस तरह सरदार पटेल ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया था उसी तरह केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण से संबद्ध जमीन अधिग्रहण के लिए कानून लाना चाहिए।

आरएसएस ने केंद्र सरकार से 1994 में सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने का अनुरोध किया। संघ ने कहा कि तत्कालीन सरकार इस बात पर सहमत हो गई थी कि यदि बाबरी मस्जिद बनाने से पहले वहां मंदिर होने के साक्ष्य पाए गए तो वह हिंदू समुदाय का साथ देगी।

‘राम मंदिर आत्मसम्मान और गर्व का मुद्दा है’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘राम मंदिर आत्मसम्मान और गर्व का मुद्दा है। जिस तरह सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था उसी तरह केंद्र सरकार को राम मंदिर के लिए जमीन का अधिग्रहण करना चाहिए। इसके बाद मंदिर निर्माण शुरू करना चाहिए। इसके लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए।’

उन्होंने दावा किया कि 1994 में कांग्रेस के शासन के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि अगर सबूत मिलता है कि मंदिर को ढहाकर मस्जिद का निर्माण हुआ था तो सरकार हिंदू समुदाय की भावनाओं के साथ है। उन्होंने कहा, ‘सरकार को अब 1994 में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए।’ वैद्य का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस कदम के बाद आया है जिसमें शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा था कि अगले साल जनवरी से उचित पीठ राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी।

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