CAB से सिर्फ भारत में नहीं विदेशो में भी मचा बवाल, बांग्लादेश से आयी बड़ी खबर…

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा था कि बांग्लादेश में हिंदू अपनी धार्मिक गतिविधियां नहीं कर पाते हैं। उनके इस बयान पर विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमिन ने कड़ा ऐतराज जताया था। अब सूत्रो के हवाले से जानकारी मिल रही है कि उन्होंने 12-14 दिसंबर के बीच होने वाली अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी है।

बांग्लादेश में हिंदू नहीं कर पाते अपनी धार्मिक गतिविधियां

गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को संसद में कहा था कि बांग्लादेश में हिंदू अपनी धार्मिक गतिविधियां नहीं कर पाते हैं। अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि 1947 में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या 22 फीसदी थी और 2011 में यह कम होकर 7.8 फीसदी रह गई जबकि बांग्लादेश 1971 में बना, 1947 से 1971 के बीच वो पूर्वी पाकिस्तान था। उन्होंने ये भी कहा कि 1971 में बांग्लादेश को संविधान में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र माना गया था लेकिन उसके बाद 1977 में राज्य का धर्म इस्लाम माना गया। 

बहुत कम देशों में है हमारी तरह सांप्रदायिक सद्भाव

बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमिन का कहना है कि बहुत कम देशों में बांग्लादेश की तरह सांप्रदायिक सद्भाव कायम है। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत में बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों ने पास कर दिया है। इसके तहत पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों को अब आसानी से भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘ऐसे बहुत कम देश हैं जहां सांप्रदायिक सद्भाव बांग्लादेश की तरह अच्छे हैं। यदि वह (गृह मंत्री अमित शाह) कुछ महीने बांग्लादेश में रहेंगे तो उन्हें सांप्रदायिक सद्भाव देखने को मिलेगा।’ यह जानकारी बांग्लादेशी मीडिया ने दी है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, ‘अपने देश के अंदर उनकी (भारत) बहुत सारी समस्याए हैं। उन्हें उससे खुद ही लड़ने दीजिए। यह हमें व्याकुल नहीं करता है। एक मित्र देश के रूप में, हम आशा करते हैं कि भारत कुछ ऐसा नहीं करेगा जो हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रभावित करेगा।’

बता दें कि विदेश मंत्री मोमेन गुरुवार को तीन दिन के दौरे पर भारत आने वाले थे। उन्हें 13 दिसंबर को दिल्ली में 6वें इंडियन ओसन डायलॉग में हिस्सा लेना था। जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होनी प्रस्तावित थी।

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