आरुषि हत्याकांड: आज जेल से रिहा होंगे राजेश और नूपुर तलवार

आरुषि-हेमराज मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बरी हुए राजेश और नूपुर तलवार की आज रिहाई होगी. कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को उनकी रिहाई होनी थी. लेकिन कोर्ट के आदेश की कॉपी डासना जेल तक नहीं पहुंच पाने की वजह से रिहाई टल गई थी. शनिवार, रविवार को छुट्टी को पड़ गई इसलिए अब सोमवार को उनकी रिहाई होगी.आरुषि हत्याकांड: आज जेल से रिहा होंगे राजेश और नूपुर तलवार

जेल में कमाए पैसे किए दान

तलवार दंपति ने जेल में डेंटल क्लीनिक के सेटअप में अहम योगदान किया है. उन्होंने तमाम डेंटल उपकरण भी जेल को मुहैया कराए हैं. तलवार दंपति को उनके काम के बदले जेल में रोजाना 40 रुपये मेहनताना मिलता था. 1417 दिन जेल में रहने के दौरान दोनो ने करीब 99 हजार रुपये कमाए थे. जो कि उन्होंने कैदियों के कल्याण के लिए जेल प्रशासन को दान कर दिए. दोनों ने करीब 49,500-49,500 रुपये कमाए.

जेल में रहने के दौरान राजेश तलवार ने मुरादनगर के आईटीएस हॉस्पिटल के सहयोग से तैयार कराए डेंटल क्लिनिक में काम किया. इस दौरान उन्होंने जेल अफसरों और बंदियों के दांतों का इलाज किया, जबकि नूपुर ने बच्चों और अनपढ़ महिलाओं को पढ़ाने का काम किया. दोनों ने करीब 49,500-49,500 रुपये कमाए.

2013 में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा

2013 में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तब से दोनों गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे थे. सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ तलवार दंपति ने जनवरी 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गुरुवार को हाईकोर्ट के जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की बेंच ने केस की जांच में खामी का हवाला देते हुए दोनों को बरी कर दिया. साथ ही तलवार दंपति को रिहा करने के आदेश दिए. कोर्ट ने अपने फैसले में सबूतों के अभाव की बात कही.

ये भी पढ़े: सरगर्मी के बीच आज गुजरात दौरे पर PM मोदी, राहुल गांधी ने ली चुटकी

2008 में हुई थी आरुषि की हत्या

साल 2008 में नोएडा के जलवायु विहार में आरुषि-हेमराज हत्याकांड हुआ था. उत्तर प्रदेश पुलिस से लेकर सीबीआई तक ने इस केस की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की. हत्यारे की तलाश में सीबीआई ने जब तथ्य खंगाले, तो शक की सुई घूमकर तलवार दंपति पर ही जा टिकी. जांच रिपोर्ट पेश की गई और सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया.

Back to top button