‘पाकिस्तानी अधिकारी फाइनल में शिरकत करने के नहीं थे हकदार’, इस पूर्व खिलाड़ी ने दिया बयान

पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी कामरान अकमल ने कहा है कि चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पुरस्कार समारोह के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी को शिरकत करने का हक नहीं था। पुरस्कार गेते समय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का कोई प्रतिनिधि मंच पर मौजूद नहीं था जिसे लेकर विवाद उठा था। पीसीबी ने आईसीसी से इस बारे में शिकायत की है और स्पष्टीकरण मांगा है।

खराब प्रदर्शन पर कामरान ने लताड़ा
हाल ही में कामरान ने इस विवाद पर अपनी राय रखी और कहा कि आईसीसी ने पीसीबी को आईना दिखाया है। इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि पाकिस्तान से कोई भी फाइनल के पुरस्कार समारोह का हिस्सा बनने का हकदार नहीं था क्योंकि उनकी क्रिकेट टीम ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया था। अकमल ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, आईसीसी ने हमें आईना दिखाया है। टूर्नामेंट के निदेशक सुमैर वहां मौजूद थे। वह उपलब्ध भी थे, लेकिन उन्हें क्यों समारोह के लिए नहीं बुलाया गया? यह इसलिए कि हम वहां पर होने के हकदार नहीं थे। हमने अच्छा क्रिकेट नहीं खेला। किसी ने इस बात पर चर्चा नहीं की है कि पाकिस्तान ने किस तरह टूर्नामेंट की मेजबानी की। अगर हम ऐसे ही खेलते रहे तो इसी तरह ट्रीट किए जाएंगे। अगर आप अपने लिए खेलेंगे तो सम्मान नहीं मिलेगा।

पीसीबी का नहीं था कोई प्रतिनिधि
भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराया था और 12 साल बाद खिताब अपने नाम किया था। पीसीबी इस टूर्नामेंट का मेजबान था, लेकिन भारत के पाकिस्तान जाने से इन्कार करने के बाद आईसीसी ने भारत के सभी मैच दुबई में कराने का फैसला किया था जिसमें फाइनल भी शामिल था। विजेता टीम को ट्रॉफी आईसीसी के अध्यक्ष जय शाह ने दी थी और इस दौरान पीसीबी का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। पुरस्कार वितरण समारोह में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने भारतीय खिलाड़ियों को सफेद कोट और मैच अधिकारियों को पदक प्रदान किए। मंच पर बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया और न्यूजीलैंड क्रिकेट के सीईओ रोजर टूसे भी उपस्थित थे।

पाकिस्तान भले ही चैंपियंस ट्रॉफी का मेजबान था, लेकिन भारत ने इस आईसीसी टूर्नामेंट के लिए पड़ोसी देश की यात्रा करने से इन्कार कर दिया था। भारत के मना करने के बाद आईसीसी ने भारत के मैच हाइब्रिड मॉडल के तहत दुबई में कराने का फैसला किया था। भारत ने फाइनल सहित सभी मैच एक ही स्थान पर खेले थे।

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